अलीगढ़: जेल की महिला कैदियों ने दिखाई कला की चमक, आधुनिक दीपक बने आकर्षण का केंद्र
Deepawali in Aligarh Jail: अलीगढ़ के बाजार में दीपावली के मद्देनजर रौनक बढ़ गई है. इस बार अलीगढ़ जिला कारागार में बने खास दीपक दीवाली के जश्न में चार चांद लगाने का काम करेंगे, जानें कैसे?
Aligarh News Today: अलीगढ़ सहित पूरे देश में दीपावली की धूम है. अलीगढ़ जिला कारागार की महिला कैदियों ने दीपावली को खास बनाया दिया है, उनके जरिये तैयार किए गए आधुनिक दीपक आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन दीपकों की बिक्री के लिए जेल परिसर के बाहर स्टॉल लगाए गए हैं.
जिला कारागर जेल में बंद महिला कैदियों ने अपने हुनर का बेजोड़ नमूना पेश करते हुए पारंपरिक मिट्टी के दीपकों को करीने से आधुनिक रुप दिया है. यह दीपक रंग- बिरंगे और सुंदर डिजाइन में तैयार किए गए हैं, जो घरों की सजावट के लिए काफी उपयुक्त हैं और रौशनी का पर्व दीपावली को यह दीपक खास बना देंगे.
कैदियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
जिला कारागार जेल में बंद कैदियों को अपराध की राह से हटाकर बेहतर इंसान बनाने के लिए उन्हें हुनर सिखाया जा रहा है. इन कैदियों के जरिये बनाई गई चीजें उनके हुनर को बयान करने के लिए काफी हैं. इससे पहले अलीगढ़ के मशहूर तालों को बनाने का प्रशिक्षण कैदियों को दी जा चुकी है.
कैदियों के जरिये बनाए गए मजबूत और खूबसूरत ताले न सिर्फ देश के कोने-कोने में घरों को सुरक्षित बना रहे हैं बल्कि उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. दीपावली पर अलीगढ़ जिला कारागर में बंद महिला कैदियों के जरिये बनाए गए दीपक आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
महिला कैदियों के जरिये बनाए गए ये दीपक कई मायनों में काफी खास हैं. आमतौर पर बनने वाले दीपक सिर्फ मिट्टी के रंग के होते हैं, लेकिन जिला कारागर में बने दीपक इनसे हटकर हैं. दीपकों को खूबसूरती से सजाने के बाद इन्हें आधुनिक दीपकों में तब्दील कर दिया गया है.
डीजी जेल ने दिया प्रशस्ति पत्र
यह रंग-बिरंगे दीपक दीपावली पर जलाने के अलावा घरों की सजावट में भी इस्तेमाल किया जाता है. यह दीपक अपने विशेष सजावट की वजह से हर आमो खास को अपनी ओर आकर्षित करता है. कैदियों के इस काम से प्रभावित होकर अलीगढ़ जेल सुपरिंटेंडेंट विजेंद्र सिंह यादव को जेल डीजी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
डीजी जेल ने अलीगढ़ जेल सुपरिंटेंडेंट विजेंद्र सिंह यादव की कैदियों को इस काम के लिए प्रोत्साहित करने पर जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इससे कैदियों में अनुशासन आता है.
जेल कारागार के बाहर लगा स्टॉल
महिला कैदियों के जरिये तैयार किए गए दीपक को खरीदने के लिए लोग अलीगढ़ जिला कारागार के बाहर बने स्टॉल का रुख कर रहे हैं. इस पहल का उद्देश्य जेल में बंद महिलाओं को नई दिशा देना है, जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें.
दीपक बनाने के लिए उन्हें प्रशासन की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया, इस मौके का उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया. इस प्रकार की गतिविधियां महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सहारा देती हैं, बल्कि उन्हें एक नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती हैं.
जेल सुप्रिंटेंडेंट ने क्या कहा?
जिला कारागर के जेल सुप्रिंटेंडेंट बिजेंद्र सिंह यादव ने बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने का काम किया जा रहा है. जेल में बंद बंदियों के लिए अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल सके.
जेल सुप्रिंटेंडेंट बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सरकार के जरिये दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार बंदियों को त्योहारों के अवसर पर अलग-अलग वस्तुओं को बनाने की सामग्री और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले यहां ताले बनाए जाते थे और अब दीपक तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें दीपावली पर बिक्री के लिए जेल परिसर के बाहर स्टॉल पर रखा गया है.
'कैदियों को होगा फायदा'
बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से इन दीपकों को बाजार में भी बेचने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद बंदियों के लिए यह एक सकारात्मक अनुभव है, जो उन्हें रिहा करने के बाद आत्मनिर्भर बनने में सहायक सिद्ध हो सकता है.
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