Aligarh Monsoon News: अलीगढ़ में मानसून की दस्तक से प्रशासन अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. प्रशासन की तरफ से ताबड़तोड़ बारिश से सबक लेते हुए नदियों के समीप बसे हुए गांव पर अधिकारियों को डेरा डालने की के आदेश जारी किए हैं, जिससे जब नदी अपने उफान पर हो तो नदी के पानी के प्रभाव से ग्रामीणों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इसको लेकर लगातार जिलाधिकारी अलीगढ़ की तरफ से ऐसे गांव के नीचे किया जा रहे हैं.


आम जनता को आपदा से बचने के लिए जिलाधिकारी खुद ही जमीनी पटल पर कार्य कर रहे हैं, जिसमे जिलाधिकारी विशाख ने अलीगढ़ के तहसील खैर में स्थित टीम के साथ पीपली, महाराजगढ़, घरबरा, लालपुर रैयतपुर क्षेत्र में संभावित बाढ़ के दृष्टिगत भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान यमुना किनारे निवास करने वाले परिवारों से भी बातचीत की और तहसील और ब्लॉक स्तर से की गई तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की.


अलीगढ़ के डीएम ने क्या कहा?


डीएम ने कहा जिला एवं तहसील प्रशासन आने वाली संभावित समस्या का हर संभव निदान करने के लिए तैयार हैं. संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध हैं. उन्होंने एसडीएम और तहसीलदार को तटीय ग्रामों में जलस्तर की निरंतर मॉनीटरिंग करते हुए गांव में सूचना प्रसारित करते रहने के आदेश दिए हैं.


कहां-कहां पहुंचता है यमुना के पानी का प्रभाव?


यमुना नदी खैर तहसील के महाराजगढ़, ऊटासानी, पखोदना एवं शेरपुर ग्राम से होकर गुजरती है. महाराजगढ़ एवं शेरपुर  ग्राम यमुना नदी एवं बांध के मध्य बसे हुए हैं, जहाँ पिछले वर्ष यह दोनों ग्राम बाढ़ प्रभावित रहे हैं. दोनों ग्रामों के नजदीक अमर सिंह का नगला में भी कुछ परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए थे. डीएम ने बताया ओखला बैराज से 03 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर यमुना तहसील खैर में खतरे के निसान को पार कर जाती है, जिसके चलते जिलाधिकारी ने एसडीएम खैर महिमा को निर्देशित किया कि संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों में राहत और बचाव के दृष्टिगत सभी प्रकार की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि जनहानि न होने पाए.


जलस्तर देखने पर लगाई गई अधिकारियों की ड्यूटी


जिलाधिकारी अलीगढ़ की तरफ से अधिकारियों के को दिए गए निर्देश से साफ जाहिर होता है कि जिलाधिकारी अलीगढ़ ने यमुना नदी के जल से प्रभावित गांव पर अधिकारियों का बांध लगा दिया है. वजह अधिकारियों की ड्यूटी लगातार जलस्तर को देखने पर लगाई गई है, जिससे जल स्तर बढ़ने के कारण कोई भी गांव प्रभावित न हो.


इस तरह जल खतरे के निशान से भरने से पहले ही गांव में नदी के पानी को पहुंचने से रोका जा सके. इसको लेकर लगातार अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. आपको बता दें कि मानसून की शुरुआत होते ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कई घरों की बर्बाद होने की सूचना पिछली वर्ष आई थी, जिसको लेकर जिलाधिकारी अलीगढ़ अपनी तरफ से कोई कोताही नहीं छोड़ना चाहते. यही कारण है उनकी तरफ से लगातार निरीक्षण किये जा रहे हैं.


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