Aligarh News: अलीगढ़ में लगातार चल रही अघोषित विद्युत कटौती से पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. आम जनता परेशान नजर आ रही है. वहीं दूसरी ओर बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए लगातार चेकिंग टीम मॉर्निटिंग कर रही है. लेकिन ज्यादातर मामलों में अवैध वसूली, विवाद और मारपीट की घटनाएं भी हर रोज सामने आ रही हैं. जिसमें ज्यादा मामलों में लेनदेन को लेकर विवाद के आरोप लगते हैं. बिजली विभाग में चोरी रोकने के लिए काफी समय से चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. 


दरअसल अब सुबह होने वाली चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली और समझौता संबंधी शिकायतों में इजाफा ज्यादा होता हुआ नजर आ रहा है. बताया जाता है विभागीय चेकिंग टीम प्रमुख स्थानों पर पहले वीडियो तैयार करता है इसके बाद संबंधित से सेटिंग का खेल शुरू हो जाती है .ज्यादातर मामले में समझौता ही हो जाता है. जब ज्यादा रकम मांगी जाती है.तभी कोई विवाद होता है.इससे मामला पुलिस तक पहुंच जाता है.ऐसा ही अजीबो गरीब मामला कोतवाली क्षेत्र के भुजपुरा बिजली घर का प्रकाश में आ रहा है जिसमें बिजली घर के स्टाफ की अवैध वसूली से स्थानीय लोग परेशान है.


लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
भुजपुरा के प्रदर्शन करने आए लोगों ने सड़को पर जमकर प्रर्दशन किया. फिर एकत्रित होकर मुख्य अभियंता विद्युत निगम से मिले. जहां से सभी लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए एसई पी.के  के कार्यालय भेज दिया गया. जहां अधीक्षण अभियंता ने लोगों के शिकायतों को ध्यान से सुना और दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आश्वासन दिया.


रिपोर्ट दर्ज कराने के नाम पर 30 हजार की ठगी
विद्युत विभाग में तैनात अनिल तोमर पर आरोप है कि उसने विकलांग व्यक्ति को फोन कर सासनी गेट डिवीजन बुलाया और कहा तीस हजार रुपए दे दो. नहीं तो आपकी बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी. जिसमें आरोप है 60 हजार रुपए का जुर्माना जमा करना पड़ेगा.यह सुन कर वह कुछ देर के लिए सदमे में पड़ गया.उसने इधर उधर से दस हजार रूपए ठाकुर अनिल तोमर को देकर बिजली चोरी की रिपोर्ट खत्म करा दी गई. 


क्या कहते है विद्युत विभाग के अधिकारी
पूरे मामले को लेकर विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से जब पीड़ित विद्युत विभाग उपयोगिताओं के द्वारा बातचीत की गई तो उनके द्वारा विद्युत विभाग में तैनात कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी जिसको लेकर एससी अलीगढ़ के द्वारा सभी उपभोक्ताओं को जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है साथ ही विभागीय जांच को लेकर भी उनके द्वारा कार्रवाई की बात कही है. अब देखना यह होगा कि क्या अधिकारी ऐसे अधीनस्थों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या फिर नहीं.


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