Aligarh News: अलीगढ़ का ताला देश भर में विख्यात है लेकिन अब ताला कारोबारी के द्वारा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में देश के लिए कुछ कर गुजरने का प्लान बनाया है जिसके तहत उनके द्वारा अब देश के लिए देश की सेवा में जुटे हुए जवानों के लिए तकनीकी ड्रोन बनाने की शुरुआत कर दी है. जिसके चलते सेना के लिए ड्रोन काफी कारगर साबित होंगे. देश की सरहदों की निगरानी रखने के लिए यह ड्रोन काफी अहम बताये जा रहे हैं.
काफी ऊंचाई तक यह ड्रोन पहुंचकर दुश्मन के किसी भी ड्रोन या विमान सहित अन्य संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के साथ अन्य ड्रोन को हवा में भी मार गिराने की क्षमता रख सकते है. ड्रोन से दुश्मन पर पैनी नजर रखी जा सकती है. तकनीकी से लैस इन ड्रोन का इस्तेमाल सेना के लिए बेहद खास है. वजह है दुश्मनों से सटे हुए क्षेत्र में यह ड्रोन किसी संजीवनी से कम काम नहीं करेंगे. जिस जगह पर सैनिक पहुंचने में परेशानी महसूस करते हैं. उस जगह पर इन ड्रोन को आसानी से पहुंचाया जा सकता है.
ऐंटिक ड्रोन का किया जा रहा निर्माण
पहले सिर्फ ड्रोन बनाने के लिए तैयारी चल रही थी. लेकिन अब ऐंटिक ड्रोन बनाने पर भी ज्यादा जोर दिया जा रहा है. जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है. ठीक उसी हिसाब से यहां कार्य प्रगति पर चल रहा है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अन्य साधनों पर भी इस कंपनी के द्वारा जोर दिया जाएगा. जिसको लेकर बुलेट प्रूफ जैकेट पर भी यहां काम चल रहा है. आने वाले समय में बुलेट प्रूफ व ड्रोन व एंटी ड्रोन का निर्माण इस कंपनी के द्वारा यहां पर किया जाएगा.
दीपावली के बाद इसका उत्पादन होगा शुरु
दरसल अलीगढ़ के डिफेंस कॉरिडोर के अंडला नोड में बनने वाले ड्रोन को लेकर निर्माण करने वाली कंपनी का दावा है कि उसके द्वारा अन्य ड्रोन की अपेक्षा यह्नां मजबूत तकनीक के ड्रॉन बनाये जाएंगे. जो एंटी ड्रोन रक्षा क्षेत्र में बेहद मजबूत और दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में कारगर होगें. इनमें एआई तकनीक का इस्तेमाल भी बड़ी बारीकी से किया जाएगा. इसी वर्ष के लगभग आने वाली दीपावली से पहले एलन एंड एलवन डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी के द्वारा उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा.
क्या बोले ताला निर्माता धनजीत वाड्रा
वहीं पूरे मामले को लेकर अलीगढ़ के रहने वाले प्रतिष्ठित ताला हार्डवेयर निर्माता धनजीत वाड्रा ने के द्वारा बताया गया वह अपनी फर्म के नाम पर यह करार कर चुके है. कम्पनी से हुए करार के अनुसार, उनकी यूनिट में सिर्फ ड्रोन बनाना तय था. लेकिन जरूरत के साथ-साथ अब उत्पादनों की मांग भी बढ़ी है, जैसे-जैसे जरूरतें महसूस हो रही है. उसी के अनुसार तकनीक भी विकसित हो रही है. इसी क्रम में अब निगरानी के साथ-साथ विभिन्न टूल्स ले जाने वाले ड्रोन, एंटी ड्रोन और उनमें भी एआई तकनीक आधारित ड्रोन व एंटी ड्रोन बनाना तय हो गया है.
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