Aligarh Defence Corridor: अलीगढ़ में सरकार की योजना के तहत लाई गई कंपनियों का सीधा लाभ अलीगढ़ की जनता को मिलता हुआ नजर आ रहा है, जिसके चलते अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर से कई परिवारों में अब किसान करोड़पति हो चुके हैं, जिसको लेकर बताया जाता है कि सरकार की तरफ से जो योजनाएं लाई जा रही है, उसका सीधा मुनाफा किसानों को हो रहा है.


दरअसल, पूरा मामला डिफेंस कॉरिडोर परियोजना का है, जहां द्वितीय चरण के लिए जिला प्रशासन की तरफ से जीटी रोड पर जुलूपुर सिंहौर एवं जसरथपुर में जमीन अधिग्रहण का कार्य तेज कर दिया है. सरकार की परियोजना के तहत तहसील कोल के दो गांव में निजी किसानों की 81.0303 हेक्टेयर भूमि को समझौते के आधार पर और 6.8577 हेक्टेयर ग्राम समाज की भूमि को क्रय एवं पुर्नग्रहण करते हुए 87.8880 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है.


किसानों के चेहरे देखने को मिली मुस्कान


इसको लेकर अधिकारियों की तरफ से अधिकरण प्रक्रिया को तेज करते हुए जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसके चलते आज किसानों को उसका सीधा लाभ मिला है. साथ ही किसानों के खाते में रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं. करोड़ों रुपए सीधे मिलने के बाद किसानों के चेहरे पर गजब की मुस्कान देखने को मिल रही है.


क्या कहते हैं अधिकारी?


एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में 20 करोड़ की धनराशि से 28 किसानों से एक दिन में लगभग 200 बीघा (11.7270 हेक्टेयर) भूमि का बैनामा परियोजना के पक्ष में किया गया है. बैनामा कराने के बाद किसानों के बैंक खाते में 07 दिन के अंदर संपूर्ण धनराशि पहुंच रही है. एक दिन में लगभग 200 बीघा भूमि का बैनामा कराया जाना परियोजना को अवश्य ही गति प्रदान करेगा.


एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने बताया कि 21 हेक्टेयर भूमि के बैनामा के लिए कोषागार से टोकन निर्गत हो चुके हैं, जिनका आगामी दो दिन में बैनामा कराया जाएगा. इसके बाद डिफेंस कॉरिडोर के द्वितीय चरण की लगभग आधी भूमि का अधिग्रहण हो जाएगी.


4.7568 हेक्टेयर भूमि का हो चुका है पुर्नग्रहण


 पंकज कुमार ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत 20.4505 हैक्टेयर भूमि का डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के पक्ष में बैनामा निष्पादन की कार्रवाई और ग्राम जसरथपुर एवं जल्लूपुर सिंहौर में 4.7568 हेक्टेयर भूमि का पुर्नग्रहण हो चुका है. निजी कृषकों की भूमि 39.2499 हेक्टेयर एवं पुर्नग्रहण के लिए 2.1009 हेक्टेयर भूमि शेष है.


एडीएम ने बताया कि आवश्यकता के अनुरूप बची हुई भूमि को क्रय करने की कार्रवाई अतिशीघ्र पूर्ण कर ली जायेगी. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि यदि किसी किसान ने समझौता नहीं किया है तो वह तहसील कोल के तहसीलदार कार्यालय में संपर्क कर समझौता पत्र भर सकता है.


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