UP News: अलीगढ़ में माध्यमिक शिक्षा संघ के बैनर तले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. यह प्रदर्शन शिक्षकों की लंबे समय से लंबित चल रही 13 सूत्रीय मांगों को लेकर रहा है, जिसमें अलीगढ़ में पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन ने शिक्षक संघ के धरना प्रदर्शन में पहुंचकर मोजूदा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


पूर्व एमएलसी का दावा है कि मोजूदा सरकार की तरफ से पक्षपात करने का काम किया जा रहा है, जबकि सरकार को शिक्षकों की ओर देखते हुए उनकी तमाम मांगों को मांन लेना चाहिए, लेकिन लंबे समय से उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया, जिसके चलते 13 सूत्री मांग को लेकर आज उनकी तरफ से एक पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को के नाम भेजा जा रहा है.


''उपचुनाव में शिक्षक दिखाएंगे अपनी ताकत''


जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से यह पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ के नाम भेजा जा रहा है, लेकिन जल्द उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया तो एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. सड़कों से लेकर संसद तक शिक्षक नजर आएंगे. 2027 के चुनाव से पहले उपचुनाव में शिक्षक अपनी ताकत का एहसास कराएंगे.


''योगी सरकार को परिणाम भुगतने होंगे''


जब भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षकों की बातों को नहीं मानेगी तो 2027 के चुनाव में उन्हें परिणाम भुगतने होंगे. मौजूदा सरकार की अगर बात कही जाए तो सरकार शिक्षकों से ग्रहणा कर रही है. यही कारण उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार तैयार नहीं है. शिक्षक सिस्टम का अभिन्न अंग होते हैं लेकिन सरकार इस बात से परहेज करती है.


क्या कहते है सपा के पूर्व एमएलसी?


सपा के पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन ने बताया कि जिस तरह से तत्कालीन सरकार अटल बिहारी वाजपेई को शिक्षकों के आगे बैकफुट पुर आना पड़ा था, ठीक उसी तरह से योगी सरकार को भी बैकफुट पर आना पड़ेगा. शिक्षकों की तरफ से फिलहाल सांकेतिक प्रदर्शन किया है. आगामी समय में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. शिक्षक लगातार जायज मांगों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी अनदेखी कर रही है.


वित्तविहीन शिक्षकों से काम बराबर लिया जाता है, लेकिन उनको अन्य सरकारी शिक्षकों के समान वेतन नहीं दिया जाता, जिसकी मांग लंबे समय से चल रही है. पुरानी पेंशन बहाल की मांग को लेकर शिक्षक का सड़कों पर उतर रहे हैं, लेकिन सरकार इनको देखने को तैयार नहीं है. बुढ़ापे की लाठी शिक्षकों की सिर्फ पुरानी पेंशन होती है, लेकिन उसे बहाल करना मौजूदा सरकार मील का पत्थर समझ रही है.


जबकि शिक्षकों के लिए उनके जीवन में पुरानी पेंशन जीने का एक पर्याप्त साधन होती है, जिसे मौजूदा सरकार ने खत्म कर दिया है. अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो बड़े प्रदर्शन की तैयारी की जाएगी. इसको लेकर आज वह अलीगढ़ में आए हुए हैं और शिक्षकों के साथ धरने पर सम्मिलित हुए हैं. एक ज्ञापन उन्होंने जिलाविद्यालय निरीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम सौंपा है.


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