अलीगढ़: अलीगढ़ जिले में संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले 16 और लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिए लाये गए हैं. इसके साथ ही इस मामले में पोस्टमार्टम के लिए लाए गए कुल शवों की संख्या पिछले 48 घंटों के दौरान बढ़कर 87 हो गई है. हालांकि जिला प्रशासन ने बुधवार को भी जहरीली शराब पीने से 35 लोगों के ही मरने की पुष्टि की है. जिला प्रशासन ने कहा कि इन मौतों को शराब से हुई मौतों में तभी गिना जाएगा जब विसरा रिपोर्ट के जरिए उनकी मौत का कारण जहरीली शराब पाया जाएगा.
अलीगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भानु प्रताप कल्याणी ने सोमवार को कहा था कि संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने के कारण मरे 71 लोगों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है. बुधवार को यह संख्या बढ़कर 87 हो गई है. इस बीच, जहरीली शराब से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद सवालों से घिरे जिला प्रशासन ने बुधवार को सभी शराब विक्रेताओं से देसी शराब के अपने पूरे स्टाक को आबकारी विभाग को वापस करने के निर्देश दिए हैं.
शराब की एक दर्जन से ज्यादा दुकानों को सील किया गया
अपर जिलाधिकारी (वित्त) विधान जायसवाल ने बताया कि शराब माफिया की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और ऐसे तत्वों के अवैध रूप से बनाए गए मकानों को भी जमींदोज किया जाएगा. अब तक शराब की एक दर्जन से ज्यादा दुकानों को सील किया जा चुका है. जायसवाल ने यह भी बताया कि सरकार से सहायता के लिए अभी तक सिर्फ 35 लोगों के ही नामों को स्वीकृति मिली है.
उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों में जिन लोगों के पास खेती की कुछ जमीन होगी, उन्हीं के परिजन को मुख्यमंत्री कृषक सहायता योजना के तहत पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि मृतकों में शामिल उन भूमिहीन किसानों, अपना रोजगार करने वालों अथवा वेतन पाने वालों के परिजन को इस योजना के तहत कोई लाभ नहीं दिया जाएगा. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को टप्पल तथा अकराबाद थाना क्षेत्रों के कई गांवों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था जो अभी तक जारी है. इस मामले में अभी तक कुल 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस शराब के अवैध कारोबार में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापे मार रही है.
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