Aligarh News: करणी सेना ने कलेक्ट्रेट में सौंपा ज्ञापन, AMU परिसर में स्थित किले को लेकर PM से की गई शिकायत
UP News: अलीगढ़ में करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने 11वीं सदी में राजपूतों द्वारा बनाए गए अलीगढ़ किले के सौंदर्यीकरण की मांग की है.
Aligarh News: अलीगढ़ में करणी सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं व भाजपा के पूर्व प्रवक्ता डॉक्टर निशित शर्मा ने एसीएम को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने ज्ञापन में राजपूतों द्वारा 11वीं सदी में बनाए गए अलीगढ़ के किले को सौंदर्यीकरण करने की मांग की है. बता दें कि पुरातत्व विभाग द्वारा एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग को इसे दिया गया है. करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना है कि इसे एएमयू के संरक्षण से वापस लेकर पुरातत्व विभाग इसका सौंदर्यीकरण का कार्य करे.
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ के जिला कलेक्ट्रेट का है, जहां करणी सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं व भाजपा के पूर्व प्रवक्ता निश्चित शर्मा ने कलेक्ट्रेट में पहुंचे. वहां उन्होंने राष्ट्रीय धरोहर प्राचीन अलीगढ़ किले को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकार से वापस लेकर पुरातत्व विभाग द्वारा इसके संरक्षण करने की मांग की है. करणी सेना का कहना है, 1803 में एंग्लो मराठा युद्ध में किले में वीरगति को प्राप्त हुए 2,000 मराठा सैनिकों के सम्मान में स्मारक स्थापित कराया जाए. वहीं वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की याद में आगामी 1 सितंबर को भंडारा आयोजित करने की परमिशन की भी उनके द्वारा मांग की गई है.
पदाधिकारियों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
करणी सेना के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट एसीएम को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सोपते हुए बताया गया कि अलीगढ़ किला इतिहास की दृष्टि से गौरवशाली विशाल और अभेद रहा है. 11वीं शताब्दी में डोर राजपूतों का किले पर अधिकार था बाद में जाट राजा सूरजमल माधोजी,सिंधिया,मराठाओं ने इस किले की भव्यता को बढ़ाया था. द्वितीय मराठा अंग्रेज युद्ध में मराठा फौज के 2,000 सैनिक इस किले में वीरगति को प्राप्त हुए थे. वर्तमान समय में पुरातत्व विभाग द्वारा एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग को अलीगढ़ किले के संरक्षण की जिम्मेदारी दी गयी है.
'वर्षों से परिसर को दूषित किया जा रहा'
उन्होंने यह भी कहा कि यह अलीगढ़ किले का दुर्भाग्य है. कि किले के अंदर संरक्षण की दृष्टि से कोई भी सकारात्मक कार्य नहीं किया जा रहा है. किला की भूमि का दुरुपयोग करते हुए वर्षों से परिसर को दूषित किया जा रहा है. सामान्य जनमानस के लिए किले में प्रवेश वर्जित है. पूर्व में किले में मदरसा संचालित किए जाने के साथ धर्मांतरण की गतिविधि भी हो रही थी.वर्तमान समय में इतिहास की गौरव गाथा का प्रतीक रहा यह किला आज दुर्दशा और कट्टरपंथी सोच का शिकार बन चुका है.
प्रॉक्टर से भंडारे आयोजन की मांगी गई अनुमति
कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि हमारी मांग है कि पुरातत्व विभाग एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग से किले के संरक्षण को वापस लिया जाए. राजपूत की धरोहर को उनके सम्मान में इसका संरक्षण करने के साथ सौंदर्यीकरण ,मराठा और राजपूत सैनिकों की वीर गाथा और बलिदान के इतिहास को बरकरार रखने को स्मारक बनवाये. हमने एएमयू के प्रॉक्टर से मराठा सैनिक के बलिदान दिवस के उपलक्ष में आगामी 1 सितंबर को अलीगढ़ किले में भंडारे का आयोजन करने की अनुमति मांगी है. इसकी हमें अनुमति दी जाए. मांगों को लेकर हमने प्रधानमंत्री के नाम एसीएम को ज्ञापन सौंपा है.
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