Aligarh: गांव के श्मशान में दबंगों का अवैध कब्जा, गरीब परिवार को चिता जलाने के लिए नहीं मिली जमीन
Aligarh Crime News: योगी सरकार का आदेश है कि अगर कहीं भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, तो उसे तत्काल खाली कराया जाए, लेकिन इसके बावजूद अलीगढ़ में श्मशान की भूमि पर लोग अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं.
Aligarh News: अलीगढ़ में दबंगई के आगे गरीबी बेबस नजर आई है, जहां दबंग ने शमशान की भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है, तो वहीं गरीब गोल गप्पे वाले की मौत के बाद, उसकी चिता को गांव के ही श्मशान में ले जाया गया, लेकिन दबंगों ने वहां पहले से ही अवैध कब्जा कर रखा है. दबंगों की तरफ से वहां फसल उगाकर खूब रुपये कमाए जा रहे हैं, जिसके चलते गरीबों की बेबसी साफ तौर पर नजर आई और कंधे पर 6 किलोमीटर दूर तक अर्थी ले जाई गई, इसके बाद दूसरे गांव के शमशान में शव को मुखाग्नि दी गई.
उत्तर प्रदेश सरकार का फरमान है कि भूमाफियाओं को जमींदोज कर दिया जाए. लगातार भू माफिया को जेल भेजने का काम सरकार कर रही है. प्रदेश में भूमाफियाओं से सरकारी जमीन कब्जे से मुक्त कराए जा रहे हैं. इसके बावजूद अलीगढ़ में भूमाफियाओं को दबंगई देखने को मिला और शमशान में एक चिता तक नहीं जलाने दी.
भूमाफियाओं का शमशान की भूमि पर अवैध कब्जा
योगी सरकार का आदेश है कि अगर कहीं भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, तो उसे तत्काल खाली कराया जाए, लेकिन इसके बावजूद गांवों में चकरोड और श्मशान की भूमि पर लोग अवैध कब्जा जमाए बैठे हुए हैं. ऐसे मामले थानों में समाधान दिवस और तहसीलों में लगने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में आते हैं. वरिष्ठ अधिकारी अधीनस्थों को निर्देशित करते हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ गांवों के लोगों की ऐसी समस्याओं का समाधान होना कोसों दूर लगता है.
चिता जलाने के लिए नहीं मिली दो गज जमीन
इसका ताजा उदाहरण इगलास तहसील के गांव गंगागढ़ी का है. यहां सोमवार की रात बीमारी से मरे 45 वर्षीय कालीचरण के शव को अपने गांव के श्मशान में चिता के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हो सकी. मंगलवार की सुबह शव को लेकर स्वयं श्मशान पहुंचे, तो देखा उसमें धान की फसल लहलहा रही थी. मजबूरन उन्हें गांव से करीब छह किमी दूर बेसवां के श्मशान घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा.
दूसरे गांव के श्मशान में जलाई गई चिता
गांव गंगागढ़ी निवासी राधेश्याम ने बताया कि कालीचरण गोलगप्पे बेचकर परिवार की गुजर बसर करते थे. गांव में उनके नाम पर जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं है. काफी समय से बीमार थे. सोमवार की रात्रि बीमारी के चलते उसका देहांत हो गया था. मंगलवार को श्मशान में अंत्येष्टि करने पहुंचे तो वहां धान की फसल खड़ी हुई थी, जिसके चलते दूसरे गांव में शव को लेजाकर मुखग्नि दी गई है. वहीं शव के साथ बेसवां आए ग्रामीणों का कहना था कि इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है.
क्या कहते हैं अधिकारी?
शाश्वत त्रिपुरारी, प्रशिक्षु आईएएस एसडीएम इगलास ने बताया कि श्मशान की भूमि पर फसल खड़ी का मामला संज्ञान में आया है. इस संबंध में लेखपाल भेजकर जांच कराई जाएगी. गांव में अगर श्मशान की भूमि पर कब्जा पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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