आगरा: जहरीली शराब कांड पर अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने कहा कि जहरीली शराब कांड पर अधिकारी आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर स्पष्ट बताएं. उन्होंने कहा कि शराब कांड में किसी भी निर्दोष व्यापारी को गलत फंसने नहीं देंगे और ना ही फंसाने दूंगा. इस पूरे कांड में जिला प्रशासन अपनी गर्दन बचाना चाहता है जबकि में प्रशासन को किसी भी सूरत पर बचने नहीं दूंगा. 


अधिकारियों को पहले जेल भेजा जाए
सतीश गौतम ने कहा कि इस कांड में प्रशासन दोषी है और आबकारी विभाग के अधिकारियों को पहले जेल भेजा जाए. किसी भी निर्दोष को जेल नहीं जाने दिया जाएगा. इस कांड के लिए डीएम भी जिम्मेदार हैं क्योंकि डीएम की नाक के नीचे ये सब  भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी जानकारी उनको भी है. जहरीली शराब बनाने वालों के साथ आबकारी विभाग की भी मिलीभगत है. 


कोई बख्शा नहीं जाएगा 
सांसद सतीश गौतम ने कहा कि अभी तक आबकारी विभाग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना उनको जेल भेजा गया. जबकि निलंबित होने के बाद आबकारी विभाग के अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए सरेआम खुले घूम रहे हैं. इस कांड में  कोई भी ''कतई'' नहीं ''बख्शा'' जाएगा चाहे वो शराब माफिया हो या फिर कोई भी हो. सांसद ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश और आदेश है, इस कांड में पूरी सच कार्रवाई होगी. दूध का दूध और पानी का पानी होगा.


डीएम जिम्मेदार हैं
सांसद सतीश गौतम ने कहा कि उन्होंने जहरीली शराब कांड में हो रही लोगों की गिरफ्तारी को लेकरक्षेत्राधिकारी को फोन किया था. जिसमें क्षेत्राधिकारी ने स्पष्ट कहा गया उनके ही अपार्टमेंट में रहने वाले व्यक्ति बहुत ही सज्जन आदमी है. आप इनकी जांच कर लें, लेकिन किसी को भी निर्दोष को जबरन न फंसाया जाए. क्योंकि, उनकी खुद की ताला नगरी में फैक्ट्री के साथ पुराना उद्योग के साथ पुराने जमींदार और एक पुराने खानदानी परिवार से भी ताल्लुक रखते हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा कि जो डीएम चाहेगा या फिर आबकारी विभाग चाहेगा किसी को भी फंसा देंगा. ऐसे किसी को नहीं फंसाने दूंगा. सबसे पहले डीएम जिम्मेदार हैं, और आबकारी विभाग की डीएम जांच कराएं.


मानसिक उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
सतीश गौतम ने कहा कि पूरा मामला जांच का विषय हैं फैक्ट्री संचालित करने वाले संचालक अपनी संचालित फैक्ट्री के डाक्यूमेंट्स दिखाएंगे. ऐसे में अगर डाक्यूमेंट्स फैक्ट्री मालिक नहीं दिखा पाएगा तो उसके आधार पर फिर प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा. लेकिन, ऐसे में मानसिक रूप से किसी का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फैक्ट्री मालिक को डॉक्यूमेंट दिखाने के लिए समय देना चाहिए, वो अपनी फैक्ट्री का डाटा प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे. प्रशासन फैक्ट्री में पुलिस तैनात करे, जांच पड़ताल के दौरान ना कोई फैक्ट्री के अंदर जाएगा और ना ही कोई फैक्ट्री से बाहर जाएगा. लेकिन, ऐसे में किसी व्यापारी के ऊपर आरोप लगाना ठीक नहीं है ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


शराब कांड की दिशा बदलने का काम किया जा रहा है
सांसद ने बताया कि उनके जांच कर रहे सीओ से कहा गया था कि इस कांड में बिना जांच किए किसी का उत्पीड़न ना हो. पहले उसकी जांच हो, जांच होने के बाद अगर अधिकारी कहें दोषी है तब उसकी गिरफ्तारी हो. लेकिन, इन्होंने अपने को बचाने के लिए पहले ही अपना माइंड मेकअप कर केवल जांच की दिशा दूसरी तरफ चेंज कर गुमराह करने का काम किया है. केवल और केवल इस कांड की दिशा बदलने का काम किया जा रहा है.


आबकारी विभाग की है मिलीभगत
आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा के खिलाफ अलीगढ़ में ही एफआईआर कर थाने में मुकदमा दर्ज किया जाए और उसको जेल की सलाखों के पीछे रखा जाए. नकली शराब बनाने का रैकेट बिना आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना नहीं चल सकता हैं. ऐसे में माफियाओं को पकड़ रहे हैं तो इनको क्यों नहीं पकड़ रहे. इनपर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए. क्योंकि, इनकी बिना मर्जी के नकली शराब बनाने का कारोबार नहीं चल सकता है. 


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