अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब की बिक्री में कथित रूप से शामिल तीन लोगों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है. अब तक इस मामले में कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार आज खैर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों से गिरफ्तारी की गई जिनमें विपिन, अर्जुन और अमीचंद का नाम सामने आया है. तीनों आरोपियों के पास से पुलिस ने नकली देशी शराब के पाउच बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि शराब माफिया के खिलाफ अभियान जारी है और इस मामले के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि कल शाम को एक बड़ी सफलता तालानगरी औद्योगिक एस्टेट में एक रासायनिक कारखाने के मालिक की गिरफ्तारी के साथ मिली थी, जहां बड़ी मात्रा में मिथाइल अल्कोहल जब्त किया गया था. उन्होंने बताया कि इस स्टॉक की अवैध शराब बनाने वालों को आपूर्ति की जा रही थी. नैथानी ने कहा कि पुलिस को ये सफलता इस मामले के एक प्रमुख आरोपी से पूछताछ के आधार पर मिली.
मुख्य आरोपी पर इनाम घोषित
अधिकारियों के अनुसार शराब मामले के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा के ऊपर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. हालांकि, कई छापों के बावजूद पुलिस अब तक शर्मा को नहीं पकड़ पाई है, जिसके मजबूत राजनीतिक संबंधों का दावा किया जा रहा है.
आंकड़े छिपाने का आरोप
इस बीच जिला प्रशासन की ओर से मरने वालों की संख्या या किसी पोस्टमार्टम संबंधी नया कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. सोमवार शाम तक जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार अलीगढ़ में जहरीली शराब से 36 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, आंकड़ों को लेकर विरोधाभास है. विपक्षी दलों ने जिला प्रशासन पर जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया है.
की गई है कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार की देर शाम इस मामले में कार्रवाई करते हुए आबकारी आयुक्त पी गुरु प्रसाद को हटा दिया था और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. गुरु प्रसाद को हटाए जाने की पुष्टि करते हुए अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति) मुकुल सिंघल ने बताया कि रिग्जियान सैंफिल को नया आबकारी आयुक्त बनाया गया है.
मांगा गया है स्पष्टीकरण
लखनऊ में सोमवार को जारी एक बयान में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि गभाना के पुलिस क्षेत्राधिकारी (उपाधीक्षक) कर्मवीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. जबकि, घटना के संबंध में खैर के क्षेत्राधिकारी शिव प्रताप सिंह और क्षेत्राधिकारी (शहर-3) विशाल चौधरी से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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