UP News: एमबीए चायवाला की तर्ज पर अलीगढ़ में आईटीआई चायवाला के द्वारा अपनी ढकेल लगाई गई, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. अलीगढ़ वासियों के द्वारा आईटीआई चायवाला की चाय को इतना पसंद किया गया कि चंद दिनों में ही आईटीआई चाय वाला पूरे अलीगढ़ के लिए एक मिशाल बन गया. अब उसी की तर्ज पर अब अलीगढ़ में एलएलबी सब्जी वाली की तस्वीर भी सामने आ रही है. अलीगढ़ के ही स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट से बीएएलएलबी के सेकंड सेमिस्टर की पढ़ाई कर रही छात्रा जज बनना चाहती है. यह छात्रा कड़ी मेहनत मशक्कत करती हुई नजर आती है. 


महंगाई के दौर में परिवार चलाना सबसे कठिन काम होता है यही कारण है कि वह परिवार का हाथ बंटाने के साथ-साथ पढ़ाई के लिए भी कीमती समय निकालती है. जिससे वह अपने सपनों को साकार किया जा सके और आर्थिक स्थिति से जूझ रहे परिवार को भी मजबूत किया जा सके. इसको लेकर उसके द्वारा परिवार के लिए कड़ी मेहनत और मशक्कत की जा रही है.


यह पूरा मामला अलीगढ़ के थाना गांधी पार्क क्षेत्र के बाली नगला का है जहां की रहने वाली खुशबू के ऊपर छोटी सी उम्र में परिवार चलाने की जिम्मेदारी है. लेकिन खुशबू अपने जज बनने के सपने को भी साकार करना चाहती है. जिससे परिवार की तंगी दूर हो सके और अपने परिवार का नाम रोशन किया जा सके. यही कारण है कि खुशबू सुबह और शाम कॉलेज पढ़ने से पहले और कॉलेज से आने के बाद अपने परिवार को मजबूती देने के लिए अपने पापा की ढकेल पर सब्जी बेचती है. खुशबू का कहना हैं कि उनके परिवार में 6 सदस्य हैं. पिता भी सब्जी का ठेला लगाते हैं और मम्मी घर संभालती हैं. उनकी बड़ी बहन बीए और छोटी बहन बीएससी कर रही हैं. एक छोटा भाई भी है, जो 12वीं में है.


वह LLB करके जज बनना चाहती हैं खुशबू 


खुशबू ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह पिता के साथ सब्जी के व्यापार में उनका हाथ बंटाती हैं. खुशबू का सपना है कि वह LLB करके जज बनकर अपने पिता का सपना पूरा करें. आर्थिक तंगी के चलते खुशबू को तमाम तरह की सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है खुशबू के द्वारा सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ न मिलने के कारण मौजूदा सरकार पर तंज कसे हैं. खुशबू का कहना है सरकार की योजनाओं में बंदर बांट हो रहा है यही कारण है कई बार उनके द्वारा योजनाओं का लाभ लेना चाहा लेकिन आज तक कोई लाभ नहीं मिल पाया. योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाने के कारण उसके दिल में एक अजब सी कसक है.


वकील साहिबा के नाम से चर्चित है खुशबू की ढकेल


खुशबू से बातचीत की गई तो खुशबू के द्वारा बताया गया उसकी ढकेल आसपास वकील साहिबा की ढकेल के नाम से चर्चित है. लोगों के द्वारा जब भी उसे सब्जी खरीदी जाती है तो पूछा जाता है वकील साहिबा आलू कितने रुपये किलो हैं. अगर कोई भी सब्जी लेता है तो पहले नाम आता है वकील साहिबा का, खुशबू से जब जानकारी की गई तो उसने बताया आसपास के लोगों के द्वारा उसकी सब्जी को ज्यादा पसंद किया जाता है. यही कारण है लोग दूर-दूर से आकर उसकी ढकेल से ही सब्जी लेते हैं. आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए समाज के लोग भी सब्जी खरीद कर उसका मनोबल बढ़ाते हैं और पढ़ाई के साथ-साथ की जा रही मेहनत की भी खूब सराहना आसपास के लोगों के द्वारा की जाती है.


यहां लगती है खुशबू की सब्जी की ढकेल


अलीगढ़ के नौरंगाबाद क्षेत्र में स्थित धनीपुर मंडी से चंद कदमों की दूरी पर खुशबू के द्वारा अपनी ढकेल लगाई जाती है. खुशबू की ढकेल की पहचान एलएलबी की छात्रा की ढकेल के नाम से की जाती है यानी कि वकील साहिबा की ढकेल के नाम से खुशबू इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए हैं. आगामी समय में खुशबू के लिए सरकार किस तरीके के कदम उठाएगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा फिलहाल खुशबू को सरकार से काफी उम्मीदें हैं जिसे परिवार के साथ-साथ उसके सपने को भी सरकार किया जा सके.


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