UP News: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे पर योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. शनिवार को अलीगढ़ (Aligarh) विकास प्राधिकरण ने शहर के सबसे महंगे क्षेत्र मैरिस रोड (Marris Rd) पर विकास प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन और सरकारी जमीन को कब्जा कर बन रहे फ्लैट और दुकानों को सील कर दिया. इसकी कीमत कई करोड़ रुपये बताई जा रही है. उधर फ्लैट और दुकान बनाने वाले जादौन इंफ्राटेक (Jadon Infratech) के डायरेक्टर ने मामले में हाई कोर्ट जाने की बात कही है.


क्या है मामला?
दरअसल, अलीगढ़ के मैरिस रोड पर जादौन इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एक बहू मंजिल आवासीय बिल्डिंग बनाई जा रही थी. इसमें कुछ भाग में दुकानें भी हैं. आरोप है कि यह बिल्डिंग विकास प्राधिकरण के नियमों के अनुसार नहीं बनी थी. सरकारी जमीन को घेर कर बनाई जा रही थी. तहसील की जांच में इस बिल्डिंग की जमीन सरकारी बताई गई है. 


विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2020 में बिल्डर को नोटिस भी दिया था. जिसका जवाब बिल्डर के द्वारा दिया गया था. जवाब से असंतुष्ट होने पर अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने शनिवार शाम इस बिल्डिंग को सील कर दिया. तहसील के लेखपाल की तरफ से भी बिल्डर और उसके अन्य साथियों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में एक मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया है.


क्या बोले डायरेक्टर?
कार्रवाई पर जादौन बिल्डर के डायरेक्टर योगेंद्र कुमार ने बताया कि एडीए के द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की गई है. 2020 में एक नोटिस दिया था. उसके विरुद्ध हमने समन की फाइल वहां जमा करा दी थी. लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा प्रशासन के कहने पर हमारे ऊपर सीलिंग की कार्रवाई की गई है. हमने एडीएसए में नक्शा पास करा रखा है. सारा काम एडीए का पूरा पैसा हमने जमा करा रखा है. बाकी का जो काम किया है. प्रशासन इस को अपनी जमीन बता रहा है कि यह सरकारी जमीन है. जबकि इसमें सरकारी जमीन कोई नहीं है. हमारे द्वारा खरीदी गई जमीन है. अब हम इसके खिलाफ सीधे हाईकोर्ट जाएंगे.


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क्या बोले प्राधिकरण के उपाध्यक्ष?
मामले पर अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गौरांग राठी ने बताया कि हम लोगों ने अभियान चलाया हुआ है. अभियान दिसंबर से चल रहा है जिसमें जितने भी हमारी पेंडिंग है, उसमें सीलिंग की कार्रवाई अपेक्षित थी और नहीं हो पाई. डिमोलिशन की कार्रवाई थी, वह भी नहीं हो पाई. वह हम लोगों ने चिन्हित करके लगातार करवाना शुरू किया है. इसमें लगभग सवा 200 कार्रवाई कर चुके हैं. इसी कड़ी में एक और सीलिंग की कार्रवाई आज की गई है. जिसमें व्यक्ति विशेष ने मानचित्र स्वीकृत करवाया था, लेकिन उसमें नोटिस सर्वे किया गया था तो एडीए के नियमों का उल्लंघन किया गया था.


यह सीलिंग आदेश पूर्व में पारित था. उसको बताया गया था कि चेंज ना करने की वजह से सीलिंग की कार्रवाई की गई है. थोड़े देरी हुआ, उसके लिए हम संबंधित अधिकारियों से जवाब करेंगे क्यों कार्रवाई नहीं हुई. अगर जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो शासन को लिखा जाएगा. मेंरिस रोड पर यह कंस्ट्रक्शन था और बहुमंजिला इमारत बनाई जा रही थी. 


बिल्डर को मिलेगा मौका
उन्होंने कहा कि जादौन बिल्डर हैं, सीलिंग के बाद उनको टाइम दिया जाएगा कि वह अपना पक्ष रखें. अगर संतोषजनक नहीं होगा यह नियमो के अनुसार नहीं होगा तो कार्रवाई की जाएगी. हमने अभी जो कार्रवाई की है वह प्राधिकरण के नियमों के उल्लंघन के आधार पर की गई है. सरकारी जमीन का मामला सामने आया है. हमारी सीलिंग आदेश पहले का है. आज सरकारी जमीन का पक्ष भी आया है तो वह भी पक्ष सुना जाएगा.


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