Aligarh News: अलीगढ़ जिले के एक मामले में न्यायिक अधिकारी की गाड़ी का पीछा किए जाने और हथियार दिखाने का आरोप लगाया गया है. फर्रुखाबाद के न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि 12 दिन पहले नोएडा जाते समय खैर क्षेत्र में उनकी कार को सफेद बोलेरो में सवार कुछ लोगों ने रोकने की कोशिश की. जज का कहना है कि संदिग्धों ने गाली गलौज और हथियार दिखाए और काफी दूर तक उनका पीछा किया.
पुलिस चौकी के पास यू-टर्न लेकर आरोपी भाग निकले जज ने सुंदर भाटी गैंग पर शक जताया. गौतम बुद्ध नगर में एडीजे के तौर पर तैनाती के दौरान उन्होंने गिरोह के कई सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उनका मानना है कि इसी का बदला लेने के लिए उन पर हमला किया गया.
आरोपी फरार हो गए
जज के मुताबिक, 29 अक्टूबर की रात आठ बजे के करीब, वे नोएडा जा रहे थे. जैसे ही खैर के गोमत चौराहा पार कर आगे बढ़े, सफेद बोलेरो में सवार पांच लोगों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और रास्ते में रुकवाने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने गाली-गलौज की और हथियार दिखाकर उन्हें धमकाया, जिससे किसी तरह वे बच निकले. जब उन्होंने सोफा पुलिस चौकी के सामने गाड़ी रोकी तो आरोपी फरार हो गए.
जज ने इस घटना की सूचना चौकी प्रभारी संदीप कुमार, एसएसपी के पीआरओ और खैर इंस्पेक्टर डीके सिसोदिया को फोन पर दी. जज का कहना है कि उनकी गाड़ी ने न तो किसी को टक्कर मारी और न ही यह रोड रेज का मामला था. उन्होंने आरोपियों पर जानबूझकर डराने और हत्या के उद्देश्य से हमला करने का शक जताया.
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इन्हें सुनाई थी आजीवन कारावास
पिछली सजा पर बदला लेने की आशंका न्यायिक अधिकारी ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में एडीजे के पद पर तैनात रहते हुए. उन्होंने 5 अप्रैल 2021 को आठ मामलों में सुंदर भाटी और उसके गिरोह के ऋषिपाल सिंह, राज, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चौधरी, सोनू, बौबी और सुरेंद्र पंडित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उन्हें आशंका है कि उसी निर्णय का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया है.
खैर क्षेत्राधिकारी वरुण कुमार ने पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि फर्रुखाबाद के एडीजे की शिकायत पर खैर थाना क्षेत्र में मामला दर्ज कर लिया गया है. घटना के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. एसपी ट्रैफिक/ग्रामीण मुकेश चंद ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने न्यायपालिका की सुरक्षा और आपराधिक गिरोहों की गतिविधियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.