UP News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दिल्ली गेट चौराहे के नजदीक मस्जिद पर किसी शरारती तत्व ने धार्मिक नारा लिख दिया. जिसके बाद दोनों पक्षों के लोग वहां पर इकट्ठा हो गए. इस घटना की पुलिस प्रशासन को जैसे ही सूचना मिली तत्काल आनन-फानन में जाकर पुलिस कर्मियों ने उस धार्मिक नारे को मिटाया. यह मामला दो पक्षों का होने के चलते मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
दरअसल थाना देरी गेट चौराहे के नजदीक दूसरे समुदाय के लोगों का धर्म स्थल है. उसके एक हिस्से में परचून की दुकान भी है. उस दुकान के बराबर मस्जिद की दीवार पर किसी शरारती तत्व ने देर रात अंधेरे का फायदा उठाकर धार्मिक नारा लिख दिया. इसकी जानकारी जब वहां के लोगों को हुई तो वह लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए. इस मौके पर हिंदूवादी संगठन के लोग भी पहुंच गए. यह मामला दो पक्षों के होने के चलते एक बार तनाव के हालात बने, लेकिन पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाते हुए दीवार पर लिखे धार्मिक नारे को पुलिस ने पुतवा दिया.
वहां एक पार्टी के एक फ्लेक्स पर भी धार्मिक नारा लिखा हुआ दिखाई दिया. फिलहाल मामला दो पक्षों का होने के चलते मौके पर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है. इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता इंजीनियर आगरा यूनुस खान ने बताया कि अलीगढ़ में दिल्ली गेट चौराहे पर मस्जिद पर जिस प्रकार से किसी ने किसी शरारती तत्व या किसी सोची समझी रणनीति के तहत धार्मिक नारा लिखा गया. इससे कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि सांप्रदायिक सद्भावनाओं को बिगाड़ने के लिए ऐसा किया हुआ कृत्य लगता है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कहीं ना कहीं अलीगढ़ के सौहार्द के लिए बिगाड़ने का प्रयास जिन लोगों ने किया है उन पर पुलिस प्रशासन कठोरता से कार्रवाई करे, क्योंकि यह बड़ा मामला है. अलीगढ़ अमन और शांति के लिए जाना जाता है और उस अमन और शांति के लिए कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि कुछ लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए सद्भावना बिगाड़ने के लिए ऐसा कुछ लोगों ने किया है. जिन लोगों ने भी किया है उनके चेहरे उजागर होने चाहिए और पुलिस प्रशासन का उन पर डंडा चलना चाहिए और ऐसे लोगों के घरों पर बुलडोजर चलना चाहिए ताकि ऐसे कभी भी भविष्य में ऐसा कोई भी व्यक्ति आगे कुछ कार्य न कर सके.
इस मामले पर सीओ सिटी अभय पांडे ने बताया कि थाना दिल्ली गेट का एक प्रकरण संज्ञान में आया. इस प्रकरण के संज्ञान में आते ही पुलिस उच्च अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किया गया तथा दुकान के बराबर में जो मजदूर द्वारा लिखा गया था. उसे दोनों पक्षों की आपसी सहमति से हटवा दिया गया है. दोनों पक्ष में आपस में सौहार्दपूर्ण वार्ता हो गई है और मौके पर शांति व्यवस्था कायम है.