अलीगढ़ नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव को लेकर सपा का हंगामा, पार्षदों ने की तोड़फोड़, फेंकी कुर्सियां
UP News: अलीगढ़ में नगर निगम बोर्ड कार्यकारिणी चुनाव कराने को लेकर सभागार में सपा पार्षदों ने नारेबाजी करते हुए जमकर बवाल काटा, सभागार कक्ष में हंगामा होता देख महापौर और नगर आयुक्त भाग गए.
Aligarh News: अलीगढ़ में नगर निगम बोर्ड कार्यकारिणी चुनाव कराने को लेकर सभागार में सपा पार्षदों ने नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा काटा. समाजवादी पार्टी के गुस्साए पार्षदों ने तोड़फोड़ करते हुए कुर्सियां फेंकते हुए मेज तोड़ दी. शीशे के गिलास फोड़ दिए गए. सभागार कक्ष में हंगामा होता देख महापौर और नगर आयुक्त कार्यकारिणी चुनाव को छोड़कर मौके से भाग खड़े हुए. कार्यकारिणी चुनाव के दौरान सदन छोड़कर जाने के बाद सपा पार्षदों ने महापौर पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए चुनाव न कराने को लेकर घोर निंदा की गई है.
शनिवार को अलीगढ़ नगर निगम बोर्ड की कार्यकारिणी का चुनाव होना सुनिश्चित किया गया था. नगर निगम के सभागार में पार्षदों के साथ महापौर प्रशांत सिंघल और नगर आयुक्त विनोद कुमार मौजूद रहे. जिसके चलते कार्यकारिणी चुनाव की कार्यवाही शुरू हुई.जहां बोर्ड कार्यकारिणी में 12 सदस्य होते हैं, जिनमें से 6 सदस्य बाहर हो जाते हैं.जिनमें पर्ची के जरिए 5 भाजपा के और 1 बसपा के पार्षद बाहर हो गए.जिसके चलते सपा के 4 और भाजपा के 2 सदस्य रह गए. सभागार में सपा के पार्षदों का कहना था कि पर्ची प्रक्रिया के बाद चुनाव करा दिया जाए. जिस पर महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया दो चरणों में कराई जाएगी. एक चरण में पर्ची निकाली जाए. वहीं दूसरे चरण में चुनाव कराया जाए.
क्यों बनीं हंगामे की स्थिति?
यही वजह है कि इसी बात को लेकर सभागार में सपा पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद चुनाव न कराने को लेकर विवाद शुरू हो गया.जहां सपा पार्षदों ने हंगामा शुरू करते हुए वहां पर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी. चुनाव के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि वहां सपा पार्षदों के द्वारा सभागार कक्ष में रखी कुर्सी फेंकी गई और कांच के गिलास सहित शीशे तक तोड़ दिए. मामले में तूल पकड़ता और हंगामा होते हुए देख महापौर और नगर आयुक्त कार्यकारिणी चुनाव को बीच में छोड़कर सभागार से निकल गए. इस दौरान महिला पार्षदों के द्वारा सदन की कार्यवाही बन्द होने पर चूड़ियां भी दिखाई गई है.
वहीं समाजवादी पार्टी के पार्षद मोहम्मद हफीज अब्बास का कहना है कि बोर्ड की दो मीटिंग और बोर्ड अधिवेशन कैंसिल होने के बाद शनिवार को तीसरी बार अधिवेशन रखा गया था. जिस अधिवेशन में कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न होना था. इस कार्यकारिणी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 5 सदस्य निकल गए. जिसके चलते एक सदस्य बचा था.जिसमें 6 लोगों के लिए कार्यकारिणी का चुनाव होना था. महापौर प्रशांत सिंघल को लगा कि अब 5 लोग उन्हें चुनाव नहीं जितवा सकते. यही वजह है कि तत्काल महापौर और नगर आयुक्त चुनाव को बीच में छोड़कर सदन से भाग खड़े हुए.
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