Aligarh Municipal Corporation: अलीगढ़ में जानवरों से होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम ने बड़ी पहल की है, नगर निगम के नगर आयुक्त अमित आसेरी ने कुत्ते और बिल्ली पालने वालों के लिए आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, अब नगर निगम क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के अगर को कुत्ते या बिल्ली पालता है तो उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. साथ ही 5000 रुपये का जुर्माना नगर निगम वसूलेगा. 


नगर निगम के द्वारा कुत्ते और बिल्ली पालने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा रखी गई है जिससे इन जानवरों को पालने वाले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. पेट रजिस्ट्रेश के लिए बाकायदा एक काउंटर भी खोला गया है. इस काउंटर में रजिस्ट्रेशन कराने की आखिरी तारीख 31 मार्च रखी गई है जो लोग 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा लेंगे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. अगर इन जानवरों को पालने वालों के द्वारा रजिस्ट्रेशन कराए बगैर कुत्ते और बिल्ली को रखा जाएगा तो कठोर कार्रवाई के साथ जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी.


रजिस्ट्रेशन के लिए लगेंगे कितने पैसे?
बताया गया कि, अलीगढ़ नगर निगम क्षेत्र में कुत्ता-बिल्ली पालक अगर 31 मार्च तक अपने पालतू पशु का पंजीकरण नहीं कराते, तो स्वामी पर 5000 रूपये का जुर्माना लगेगा और पशु भी जब्त किया जाएगा. नगर निगम सभी डॉग्स शो व वेटरिनरी क्लिनिक पर भी नजर बनाए हुए हैं, यहां पर भी रेंडम चेकिंग की जाएगी. नगरीय क्षेत्र में 133 पशु प्रेमी के द्वारा कुत्ते का पंजीकरण कराया है. पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी राजेश वर्मा ने बताया विदेशी बड़ी जाति पर 600, विदेशी छोटी जाति के 500 और देशी नस्ल के पालतू जानवर का 200 रूपये पंजीकरण शुल्क है.


नहीं कराया पंजीयन तो होगी कार्रवाई 
कुत्तों के द्वारा हर रोज पालने वालों को ही शिकार बनाया जा रहा है जिसकी चलते कई लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, साथ ही आसपास के लोगों को भी कुत्तों के द्वारा अपना शिकार बनाया गया लेकिन पालने वालों के द्वारा जानवर होने का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया जाता है. नगर निगम के द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा जिसमें कुत्ते का मालिक सभी घटनाओं का जिम्मेदार होगा. घटनाओं पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद लगाम लगाई जा सकती है. जिससे कुत्ते पालने वाले व बिल्ली पालने वाले लोग अपने जानवरों का खुद ध्यान रखेंगे. इसलिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है यानी कि आम जनता की जान को बचाने के लिए यह प्रावधान अलीगढ़ नगर निगम के द्वारा किया गया है.


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