Aligarh Muslim University Babe Syed Gate: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपनी खूबसूरती को लेकर शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान रखता है, जहां एक ओर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की तालीम विश्व भर में विख्यात है तो वहीं दूसरी ओर इसकी खूबसूरती भी किसी से छुपी नहीं है. विश्वविद्यालय के गेट से लेकर विश्वविद्यालय में मौजूद नायाब इमारतें सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है, जहां एक ओर शिक्षा जगत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपना वर्चस्व स्थापित कर चुका है तो वहीं दूसरी ओर खूबसूरती के मायने में भी विश्वविद्यालय कई मायने में पहले पायदान पर है.


जिसमें रखरखाव से लेकर खूबसूरती के मायने में बाबे सैय्यद गेट अपने आप को किसी सेल्फी पॉइंट से कम महसूस नहीं होने देता. यही कारण है जब भी लोग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस गेट से होकर गुजरते हैं तो अपनी सेल्फी लेना नहीं भूलते. खास बात यह है इस गेट को लेकर एक बड़ा इतिहास भी इसमें छिपा हुआ है. इस गेट के निर्माण से पहले अन्य इमारतों की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहचान हुआ करती थी, लेकिन जब से यह गेट बना उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की खूबसूरती का नजारा इस गेट से ही लगाया जाता है.


दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की इमारत की बुनियाद 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा रखी गयी थी. सबसे पहले यह यूनीवर्सिटी मुस्लिम एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज के नाम से पहचाना जाता था, लेकिंन बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रूप में ये तब्दील हो गई. इस यूनिवर्सिटी को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तर्ज पर ब्रिटिश शासनकाल में आलीशान तरीके से बनवाया गया था. 


बाबे सैयद गेट का निर्माण कब हुआ था?  


एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को सन 1920 में बनाया गया था. यह यूनिवर्सिटी भारत का एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है, जो अपनी शैक्षणिक योग्यता ही नहीं बल्कि अपने खूबसूरत परिसर के लिए विश्व मे विख्यात है, इस विवि की ख़ूबसूरती सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है इसका मुख्य प्रवेश द्वार बाबे सैयद गेट सन 1995 में सर महमूद उर रहमान ने इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जोकि लगभग 5 सालों में बनकर तैयार हुआ. यानि 2000 में बनकर तैयार हुआ. 


जिसमें लाल बलुआ पत्थर से इस गेट को निर्मित किया गया था. बाबे सैयद गेट इंडो-इस्लामिक स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है. तीन मेहराबों वाला यह गेट विश्वविद्यालय के प्रगतिशील और समावेशी चरित्र का प्रतीक है, जिसमें बीच का मेहराब सबसे बड़ा है और इस पर “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय” अंकित है. वहीं, दो छोटे मेहराबों पर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं.गेट के चारों ओर कलात्मक नक्काशी और डिजाइन इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. 


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