AMU की लाइब्रेरी में मौजूद है फारसी में लिखी 400 साल पुरानी भगवत गीता, PM मोदी ने की थी तारीफ
Aligarh Muslim University: एएमयू की लाइब्रेरी में लाखों किताबें मौजूद हैं, लेकिन यहां हिंदू धर्म की एक खास किताब है, जो करीब 400 वर्ष पुरानी है. इसको देखने के लिए लोग विदेश भी आते हैं.
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Aligarh Muslim University News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय विश्व भर में पुरानी चीजों को सुरक्षित रखने में भी अपना रिकॉर्ड कायम करता हुआ नजर आ रहा है. यहां के संग्रहालय में मौजूद तरह-तरह की वस्तुओं के साथ अलग-अलग धर्म के पवित्र ग्रंथ भी सुरक्षित मौजूद हैं, जिनको देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ विदेशों तक के लोग यहां आते हैं और संग्रहालय में मौजूद नायाब चीजों को लेकर जमकर उनकी प्रशंसा करते हैं. ऐसे ही प्रशंसा करने वालों में एक देश के प्रथम नागरिक के तौर पर देश के प्रधानमंत्री का आता है, जिन्होंने संग्रहालय में मौजूद भगवत गीता को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक नया नाम दे दिया था, जो की मिनी इंडिया के नाम से पुकारा जाता है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संग्रहालय में मौजूद है 400 साल पुरानी भगवत गीता का अपना एक अलग इतिहास कायम है, जिस संग्रहालय में यह मौजूद है उस संग्रहालय में बहुत सी ऐसी चीज मौजूद हैं, जिनको लोग देखने के लिए यहां आते हैं, जिसको लेकर भगवत गीता अपने आप में अलग महत्व रखती है.
एएमयू की लाइब्रेरी में मौजूद हैं लाखों किताबें
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक मौलाना आजाद लाइब्रेरी कई मायनों में बहुत खास है. सबसे बड़ी बात यह एशिया की 7 मंजिल वाली 4.75 एकड़ में फैली हुई है लाइब्रेरी है, जिसमें 14 लाख से ज्यादा किताबों का अमूल्य खजाना है. यही वजह है कि मौलाना आजाद लाइब्रेरी अलीगढ़ शहर के चर्चित लाइब्रेरी में से एक है.
लाइब्रेरी में है ऐतिहासिक चीजों का खजाना
इस लाइब्रेरी में कई ऐतिहासिक चीजें मौजूद हैं, जिसमें एक भगवत गीता भी मौलाना आजाद लाइब्रेरी में मौजूद है, जो कि करीब 400 साल पुरानी है. इसे फारसी भाषा लिखा गया था. अकबर के जमाने में हिंदू मुस्लिम को एक दूसरे और एक दूसरे के मजहब को समझने के लिए संस्कृत की किताबों का फारसी में ट्रांसलेशन करवाया गया था.
पीएम मोदी ने की थी तारीफ
बताया जाता है उस जमाने में पर्शियन सरकारी भाषा हुआ करती थी और उस समय के पढ़े लिखे लोगों की, जो पब्लिक जुबान फारसी ही थी. इसमें गीता का तर्जुमा अबुल फैज फैजी से करवाया था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की संग्रहालय में मौजूद इस भगवत गीता को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी जमकर प्रशंसा की थी.
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