Aligarh AMU Protest: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में आज जुमे की नमाज के बाद छात्रों ने हंगामा कर दिया और 'अल्लाह हू अकबर', 'नारे तकबीर' जैसे नारे लगाए. इन छात्रों ने गणतंत्र दिवस पर एनसीसी कैडेट में धार्मिक नारे लगाने के बाद निलंबित किए गए छात्र वाहिदुज्जमा को फिर से बहाल करने की मांग की. छात्रों ने इस मामले पर एक ज्ञापन भी दिया. जिसमें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentry) को सही बताया. 


नारेबाजी के बाद छात्रों ने मीडिया को कोई बयान भी नहीं दिया. हालांकि इनके द्वारा दिए गए ज्ञापन से AMU के प्रॉक्टर के उस बयान की पोल खुल गई जिसमें उन्होंने कहा था कि एएमयू के अंदर जो बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से संबंधित पोस्टर लगाए थे वो किसी बाहरी व्यक्ति ने लगाए थे. उसमें AMU  छात्रों का हाथ नहीं है. आज छात्रों के ज्ञापन से यह साफ हो गया कि छात्र बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सही ठहरा रहे हैं. 


धार्मिक नारे लगाने वाले का निलंबन वापस करने की मांग
दरअसल, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में धार्मिक नारे लगाने के मामले में मुस्लिम छात्र को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित कर दिया था. इस छात्र का एनसीसी कैडेट की ड्रेस में 'अल्लाह हू अकबर' और 'नारे तकबीर' के नारे लगाते हुए वीडियो वायरल हुआ था. जिसेक बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी. जिसके बाद आज यूनिवर्सिटी के छात्र उसके समर्थन में उतर आए. इन छात्रों ने जामा मस्जिद से बाबे सैयद गेट तक प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला. इनका कहना है कि धार्मिक नारेबाजी दोनों तरफ से हुई थी, जिसमें एक पक्ष पर ही कार्रवाई की गई है. छात्रों ने मांग की इस मामले में या तो निलंबित छात्र का निलंबन वापस लिया जाए नहीं तो ये छात्र कुछ और कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे. 


एएमयू प्रॉक्टर ने दी मामले पर सफाई


इस मामले पर एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने गणतंत्र दिवस पर धार्मिक नारे लगाने वाले छात्र वाहिदुज्जमा का निलंबन वापस लेने की मांग की है. उनका कहना है कि कानून के हिसाब ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ऐसे में उसका निलंबन वापस हो. वहीं जब ज्ञापन में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को सही बताने पर सवाल किया गया तो उन्होंने प्रॉक्टर ने कहा कि उसके बार में ऐसी कोई बात नहीं है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने सिर्फ निलंबन वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेमोरेंडम बहुत लंबा है. हमारा कोई कमेंट नहीं है.


एएमयू के प्रॉक्टर ने कहा कि ये छात्र हैं और हर किसी को कानून के दायरे में रहकर अपनी बात कहने का हक है. इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता. मेरे सामने किसी ने यह नहीं कहा कि बीबीसी डॉक्युमेंट्री सही है या गलत, डॉक्यूमेंट्री आई है उसके ऊपर लोगों की अपनी अपने अलग-अलग राय है. लोग इसको नहीं देख रहे हैं जो चीजें आई है सामने है सोशल मीडिया पर है तो हर आदमी की अपनी अपनी राय हो सकती है.


ये भी पढ़ें-  UP MLC Elections Result: इस सीट पर BJP की करारी हार, तीसरे नंबर पर पहुंच गई पार्टी