Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) की छात्रा तमकीन फातिमा ने 2024 की यूजीसी नेट (JRF) परीक्षा में दूसरे स्थान पर आकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया है. यह उनके जीवन का एक ऐसा महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसने न केवल उनकी मेहनत को एक नया आयाम दिया, बल्कि उनके परिवार और विश्वविद्यालय का भी गौरव बढ़ाया. तमकीन वर्तमान में एएमयू के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एमटेक कर रही हैं. उन्होंने यह बड़ी सफलता अपने पहले ही प्रयास में 99.9933 पर्सेंटाइल स्कोर के साथ हासिल की है.
प्रारंभिक शिक्षा और प्रेरणा पर माता-पिता ने उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया, छोटी उम्र से ही उन्हें पढ़ाई में रुचि थी. परिवार के लोग चाहते थे कि उनकी बेटी शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त करे. तमकीन के माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया कि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करें. उनकी मां की शिक्षा के प्रति गहरी आस्था और पिता का अनुशासनात्मक दृष्टिकोण ही था जिसने उन्हें मेहनत करने और हर चुनौती को स्वीकार करने की ताकत दी.
शिक्षा के प्रति समर्पण और उपलब्धियाँ
तमकीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने कस्बे के एक सरकारी स्कूल से पूरी की, जहां उन्होंने हमेशा अपनी कक्षा में उत्कृष्टता हासिल की. उनकी प्रतिभा को देखकर उनके शिक्षकों ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एएमयू भेजा. 2023 में तमकीन ने एएमयू से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया और अपनी मेहनत का नतीजा 9.703 सीपीआई के रूप में सामने आया.
बीटेक के दौरान तमकीन को कई प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप्स भी प्राप्त हुईं, जैसे कि यूपी एसटीएसई और यूनिवर्सिटी मेरिट फाइनेंशियल अवार्ड (एएमयू). उन्होंने गेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की और उन्हें गेट छात्रवृत्ति मिली, जिसने उनके शिक्षा के सफर को और भी प्रोत्साहित किया. उनकी यह उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि तमकीन हमेशा से शिक्षा के प्रति समर्पित रही हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करती आई हैं.
शोध और अनुसंधान में रुचि
तमकीन के अकादमिक सफर में शोध कार्यों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अपने बी.टेक. के दौरान उन्होंने रिसर्च में भी सक्रिय भागीदारी निभाई. उन्होंने इसरो के साथ-साथ कनाडा के मैकमास्टर यूनिवर्सिटी और द फील्ड्स इंस्टीट्यूट के साथ इंटर्नशिप की. यह अवसर तमकीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसे प्राप्त करना आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने अपने प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत की और अपनी रिसर्च स्किल्स को निखारा.
फील्ड्स अंडरग्रेजुएट समर रिसर्च प्रोग्राम के तहत उन्होंने ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया जो न केवल कंप्यूटर साइंस बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते थे. उन्होंने एसीएम कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स में एक शोध पत्र भी प्रकाशित किया. इस तरह के शोध कार्यों में भाग लेकर तमकीन ने यह साबित कर दिया कि वे केवल एक छात्रा नहीं, बल्कि एक युवा वैज्ञानिक हैं, जो समाज में कुछ नया और महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती हैं.
सफलता का सफर और परिवार की भूमिका
तमकीन की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का भी महत्वपूर्ण योगदान है. उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया और हर कदम पर उनका समर्थन किया. तमकीन का कहना है कि जब भी उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, उनके माता-पिता का समर्थन ही उन्हें नई ऊर्जा प्रदान करता था. उनके माता-पिता के साथ-साथ उनके शिक्षकों का भी उन्हें हर कदम पर मार्गदर्शन मिला. उनके प्रोफेसरों ने न केवल उन्हें शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया बल्कि रिसर्च और अन्य गतिविधियों में भी उनका साथ दिया.
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