Aligarh Muslim University VC: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति पद की दौड़ में पहली बार किसी महिला का नाम सामने आया है. फैसला लेनेवाली सर्वोच्च संस्था एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने कुलपति के लिए पांच नामों को फाइनल किया है. चयनित उम्मीदवारों में एएमयू वूमन कॉलेज की प्रिंसिपल नईमा खातून का नाम भी शामिल है. लेकिन चयन प्रक्रिया पर विवादों का साया पड़ गया है. हितों के टकराव का सवाल उठाया जा रहा है. बता दें कि नईमा खातून कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी हैं. लेक्चरर पद पर उनकी नियुक्ति मनोविज्ञान विभाग में हुई थी. पति ने पांच नामों को चुनने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की थी. 


कुलपति पद के लिए चयन प्रक्रिया पर सवाल 


2006 में नईमा खातून को प्रोन्नति देकर प्रोफेसर बनाया गया. 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनने से पहले तक उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को नहीं छोड़ा. सूत्रों के मुताबिक नईमा खातून का नाम फानल किए जाने पर एक आवेदक ने आपत्ति जताई है. आपत्ति दर्ज करानेवाले आवेदक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट के पूर्व सदस्य भी हैं. राष्ट्रपति भवन को भेजी चिट्ठी में प्रोफेसर मुजाहिद बेग नामों का पैनल रद्द करने की मांग की है. 30 अक्टूबर को 27 सदस्यीय एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 20 उम्मीदवारों में से पांच को मंजूरी दी. कुलपति पद के लिए कुल 36 आवेदन प्राप्त हुए थे. छंटनी के बाद पांच नामों को एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने फाइनल किया.


क्या AMU को मिलेगी पहली महिला VC?


पांच नामों में एएमयू मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर एम यू रब्बानी, राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी औuर सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के पहले वीसी फुरकान कमर, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के मौजूदा वीसी फैजान मुस्तफा और कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू-कश्मीर के वीसी कय्यूम हसन और एएमयू वूमन कॉलेज की प्रिंसिपल नईमा खातून शामिल हैं. अब 6 नवबंर को एएमयू कोर्ट की मीटिंग में तीन नामों का चयन किया जाएगा. विचार के लिए तीन नामों का पैनल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी एक नाम पर मुहर लगाएंगी. ऐसे में नईमा खातून के नाम पर राष्ट्रपति भवन की सहमति होने से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को पहली महिला कुलपति मिलने का रास्ता साफ हो सकता है. 


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