AMU ने ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का किया फैसला, शिक्षकों के एक वर्ग ने जताई नाराजगी, कुलपति को लिखा पत्र
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्नातक तथा परास्नातक के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आगामी 10 जुलाई के बाद कराई जाएंगी. शिक्षकों का एक वर्ग इस ऑनलाइन परिक्षा के खिलाफ हो चुका है. उनका कहना है कि परिक्षा लेने का यह तरीका भेदभाव पूर्ण और खामियों से भरा हुआ है. इन शिक्षकों ने कुलपति को इस मामले में एक पत्र लिखा है.
अलीगढ़, एजेंसी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने स्नातक तथा परास्नातक कक्षाओं के अंतिम सेमेस्टर का ऑनलाइन ओपन बुक इम्तेहान कराए जाने का फैसला किया है. 'ओपन-बुक' परीक्षा में परीक्षार्थियों को कुछ स्वीकृत किताबों को अपने साथ परीक्षा कक्ष में ले जाने की अनुमति होती है. जिसे सवालों के जवाब देते समय परीक्षार्थी मदद के रूप में उपयोग में ले सकते हैं.
10 जुलाई के बाद कराई जाएंगी परीक्षाएं एएमयू के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि स्नातक तथा परास्नातक के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आगामी 10 जुलाई के बाद कराई जाएंगी. साथ ही उन्होंने जल्द ही इन परिक्षाओं के कार्यक्रम को घोषित किए जाने की बात कही. साथ ही प्रथम सेमेस्टर की बची हुई परिक्षाओं को भी ऑनलाइन के जरिए लेने का फैसला किया गया है. इन परिक्षाओं को आगामी 5 जुलाई से 10 जुलाई के बीच आयोजित कराया जाएगा.
शिक्षकों ने कुलपति को लिखा पत्र वहीं, शिक्षकों का एक वर्ग इस ऑनलाइन परिक्षा के खिलाफ हो चुका है. उनका कहना है कि परिक्षा लेने का यह तरीका भेदभाव पूर्ण और खामियों से भरा हुआ है. इन शिक्षकों ने कुलपति को इस मामले में एक पत्र लिखा है. विरोधी शिक्षकों के प्रतिनिधि प्रोफेसर आफताब आलम ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का फैसला एएमयू के नियमों के खिलाफ है और कोई भी ऑनलाइन इम्तेहान विश्वविद्यालय की कुछ निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत ही कराया जाना चाहिए.
कर्मचारियों ने किया काम शिक्षकों ने पत्र में तकनिकी मुश्किलों का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि, 'छात्रों को एक साथ बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होना मौजूदा स्थितियों में अक्सर मुमकिन नहीं होता है.' वहीं, सोमवार को एमएमयू के सभी दफ्तरों को खोला गया और सभी कर्मचारियों ने काम किया. हालांकि जो कर्मचारी वरिष्ठ नागरिक हैं या फिर जो संक्रमित इलाकों में रह रहे हैं, उन्हें दफ्तर आने से छूट दी गई है.