Aligarh News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा देश में चल रही 21 फर्जी यूनिवर्सिटी (Fake University) की लिस्ट जारी की गई है. जिसमें सबसे ज्यादा फर्जी यूनिवर्सिटी यूपी और दिल्ली में है. वहीं फर्जी यूनिवर्सिटी की लिस्ट में शामिल एक यूनिवर्सिटी अलीगढ़ (Aligarh) में भी है. जिसका नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी है. ये यूनिवर्सिटी अलीगढ़ के अचल ताल क्षेत्र में स्थित है. वहीं एबीपी न्यूज की टीम अचल ताल क्षेत्र में पहुंची और वहां जानकारी ली कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी आखिर कहां चलती है और इसे कौन चलाता है.


छोटी सी दुकान में चलती थी यूनिवर्सिटी


आपको जानकर हैरानी होगी कि अचल ताल क्षेत्र में आर्य समाज मंदिर के बाहर छोटी सी दुकान में शास्त्री दवाखाना चलाने वाले श्याम सुंदर शर्मा ही नेताजी सुभाष चंद्र यूनिवर्सिटी के कुलपति थे और इसी छोटी सी दुकान में ही 1985 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी संचालित किया करते थे. लेकिन कई साल पहले 1990 में जब इनको यूजीसी से मान्यता नहीं मिली तो पुलिस ने इनकी यूनिवर्सिट बंद करा कर इनको जेल भी भेजा था. उसके बाद वो जमानत पर बाहर आए और अपना दवाखाना चला रहे हैं. लेकिन उसके बाद से यूजीसी द्वारा फर्जी यूनिवर्सिटी की लिस्ट में नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी का नाम लगातार आ रहा है.


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ये है पूरा मामला


फर्जी यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि, ये बात बहुत पुरानी है. साल 1985 में मैं समाज कल्याण मंत्रालय से एक प्रशिक्षण लेकर आया था. समाज सेवा के लिए और मैंने अच्छे काम करने के उद्देश्य से ये प्रोजेक्ट हाथ में लिया. मैंने डीएम महोदय को एक एप्लीकेशन दी और उनसे परमिशन ली. उसके बाद उन्होंने दूसरे अधिकारी के पास भेजा. दूसरे अधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट की ओर संकेत किया. उसके बाद एसएसपी महोदय को भी एप्लीकेशन दी. लेकिन 1990 के आसपास इस केस को अदालत में भेज दिया गया और मैं 14 दिन जेल में भी रहा. फिर साल 1990 में ही ये बंद हो गई. लेकिन केस अभी भी अदालत में है और मैं अदालत का सम्मान करता हूं. उन्होंने बताया कि, 90 से पहले जो राष्ट्रपति महोदय का पत्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय को गया.तब उन्होंने मुझे डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया और ये कहा कि तुम यूजीसी से इस विषय में मान्यता के लिए संपर्क करो. क्योंकि यूजीसी को मान्यता देने का अधिकार है मैंने अप्लाई किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया.


दोबारा ऐसा हुआ तो होगी कार्रवाई


वहीं अचल ताल क्षेत्र में ही कंप्यूटर सेंटर चलाने वाले मुकेश विमल का कहना था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी का अचल ताल पर ऑफिस हुआ करता था. ये यूजीसी ने बहुत अच्छी पहल की है कि इस प्रकार की यूनिवर्सिटी को फर्जी दायरे में लाया गया है. वहीं जब हमने फर्जी यूनिवर्सिटी को लेकर अलीगढ़ के डीआईओएस से बात की तो उन्होंने बताया कि ये मामला मेरी जानकारी में आया है कि सुभाष चंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी के नाम से अलीगढ़ में कुछ वक्त पहले एक यूनिवर्सिटी संचालित थी. उसके खिलाफ कार्रवाई हुई और उसको बंद करा दिया गया है. आज की तारीख में ये संचालित नहीं है. अगर ऐसा फिर भी हुआ तो उसके खिलाफ दोबारा कार्रवाई होगी.


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