उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के सिटी स्कूल का नाम अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह (King Mahendra Pratap Singh)स्कूल होगा.इसके लिए एएमयू प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली है.एएमयू की एक्सिक्यूटिव काउंसिल ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है.


क्या है पूरा मामला


दरअसल एएमयू के छात्र रहे राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने एएमयू को कुछ जमीन दी थी.उसी जमीन पर आज सिटी स्कूल बना हुआ है.राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने यह जमीन एएमयू प्रशासन को 99 साल की लीज पर दी थी. यह लीज 2018 में पूर्ण हो गई.इसके बाद राजा महेंद्र प्रताप के वारिशों ने AMU प्रशासन से जमीन वापस देने को संपर्क किया.दोनों ही पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद एएमयू प्रशासन ने शिक्षा मंत्रालय को इस से संबंधित पत्र भेजा.वहां से AMU प्रशासन से कहा गया कि अपने एक्ट के मुताबिक काम करें.इसके बाद अब दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है.


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एएमयू प्रशासन जिस जमीन पर सिटी हाई स्कूल की बिल्डिंग बनी है, उस स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्कूल रखेगा और उसके अतिरिक्त जो भूमि है उसे राजा महेंद्र प्रताप के वारिशों को वापस देगा.


यूनिवर्सिटी प्रशासन ने वापस दी जमीन


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रवक्ता साफे किदवई ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का जो सिटी स्कूल है वह जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जमीन लीज पर दी थी. यह लीज 2018 में खत्म हो गई थी.इसके बाद उनकी यूनिवर्सिटी से बातचीत हुई और यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने एक कमेटी बनाई जिसने यह फैसला लिया. उसकी रिकमेंडेशन ईसी ने मान ली है. कमेटी ने सिफारिश की थी कि जो सिटी हाई स्कूल है उसका नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्कूल रखा जाएगा और जो अन्य जमीन है तिकोनिया जमीन वह उनके जो वंशज हैं,उन्हें यूनिवर्सिटी ट्रांसफर कर देगी.हमने पूरे प्रपोजल को शिक्षा मंत्रालय को बताया था. मंत्रालय ने एनओसी देते हुए कहा है कि आप अपने एक्ट के मुताबिक काम कर सकते हैं.


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प्रवक्ता ने बताया कि जिस जमीन पर स्कूल बना है, अब उसका बैनामा यूनिवर्सिटी के नाम पर हो गया है. अब यूनिवर्सिटी का मालिकाना हक उस जमीन पर हो गया है.स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर कर दिया गया है.