Aligarh News Today: संभल हिंसा के खिलाफ अलीगढ़ में हिंदूवादी संगठनों के जरिये प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है. इस घटना को लेकर अब कांग्रेस की ओर से भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर कांग्रेस ने एक पत्र भी जारी किया है.
कांग्रेस ने इस पत्र को प्रशासन के सुपुर्द कर बड़ी मांग की गई है. इसी क्रम में कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री रहे श्योराज जीवन ने संभल हिंसा पर कई सवाल खड़े किए हैं. श्योराज जीवन ने योगी सरकार के साथ-साथ मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
श्योराज जीवन का शुमार कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होता है. उनके जरिये दिए गए इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इस तरह के कम ही मामले सामने आए हैं, जिस पर श्योराज जीवन ने इस तरह की हिंसा पर कोई आधिकारिक बयान दिया हो. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में तपिश बढ़ गई है.
'अंग्रेज छोड़ गए अपनी औलाद'
संभल हिंस पर श्योराज जीवन ने कहा, "भारत की आजादी के 75 साल से अधिक हो चुके हैं. अंग्रेज चले गए हैं, लेकिन अपनी औलाद छोड़ गए है और उनकी औलादों को आपने कल देखा होगा? जिन्होंने संभल के अंदर खून की नदियां बहा दीं." उन्होंने कहा, "संभल में बच्चों, औरतों और निर्देष नौजवानों पर बेरहमी से जुल्म किया गया."
पूर्व राज्यमंत्री श्योराज जीवन ने कटाक्ष करते हुए कहा,"अब जुल्म और अत्याचार सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है. ये मासूम बच्चों की बलि चढ़ा रहे हैं तो अब कोई रो भी नहीं सकता है. अगर कोई रोयेगा तो उसको जाकर कुचल दिया जाएगा." उन्होंने आगे कहा, "आज योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में जंगलराज है."
कांग्रेस के सीनियर नेता श्योराज जीवन ने कहा, "संभल में जो जामा मस्जिद है, वह संभल वालों की है." उन्होंने कहा,"अब तक ये लोग कहां सोये हुए थे? ये हिन्दुओं का पवित्र स्थान नहीं है बल्कि ये मस्जिद रही है." श्योराज जीवन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में तानाशाही चल रही है, आज कानून व्यवस्था एकदम ठप हो चुकी है."
'बच्चा-बच्चा करता है कोर्ट का सम्मान'
कोर्ट के जरिये जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्योराज जीवन ने कहा, "भारत का बच्चा-बच्चा कोर्ट का सम्मान करता है. ऐसे में अगर कहीं सर झुकता है तो न्याय के मंदिर के आगे सर झुकता है, क्योंकि हमें बहुत उम्मीद है कि कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा."
उन्होंने सर्वे के फैसले के पर नाराजगी जताते हुए कहा, "जामा मस्जिद का 2 घंटे के अंदर ही आपने सर्वे करा दिया और 2 घंटे के अंदर ही उस पर कब्जा कराने का प्रयास किया गया." उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार में लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. संभल हत्या को देखकर लगता है कि प्रशासन हर तरह से विफल रहा है.
दूसरी तरफ बड़ी संख्या कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अलीगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने ये ज्ञापन कोर्ट के जरिये संभल की जामा मस्जिद को मंदिर के दावे वाली अर्जी स्वीकार करने के खिलाफ दी गई है.
कोर्ट के आदेश पर उठाए सवाल
कांग्रेसी नेता श्योराज जीवन ने बताया कि संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को मंदिर बताने के दावे को जिला अदालत के जरिये स्वीकार किया जाना पूजा स्थल अधिनियम 1991, "Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991" का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा, "पूजा स्थल अधिनियम 1991 में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों का जो भी चरित्र था वो यथावत रहेगा, इसे चुनौती देने वाले किसी भी प्रतिवेदन या अपील को किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) या प्राधिकार (ऑथोरिटी) में स्वीकार नहीं किया जा सकता."पू
सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग
श्योराज जीवन ने कहा, "जब कानून स्पष्ट तौर पर कहता है कि ऐसी कोई याचिका किसी कोर्ट में स्वीकार ही नहीं हो सकती है तो फिर संभल के जिला न्यायालय ने ऐसी याचिका स्वीकार कैसे की. यह स्पष्ट तौर पर असंवैधानिक है." उन्होंने कहा, "अगर निचली अदालतें गैर कानूनी निर्देश देती हैं तो सुप्रीम कोर्ट को ऐसे जजों के खिलाफ कार्यवाई करनी चाहिए और अनुशासनहीनता पर रोक लगानी चाहिए."
सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा, "अगर सुप्रीम कोर्ट ऐसा नहीं करता है तो यही संदेश जाएगा कि आरएसएस और भाजपा के सविंधान विरोधी एजेंडे को न्यायपालिका के एक हिस्से का समर्थन मिल रहा है. इससे जनता में न्यायपालिका की छवि खराब होगी. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को याद दिलाकर आग्रह करते हैं कि निचली अदालतों के जजों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए, जिससे न्यायपालिका की निष्पक्षता में लोगों का भरोसा कायम रह सके.
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