अलीगढ़ पुलिस ने विपक्षियों को फसाने के लिए दादा-दादी की रची गई कत्ल की एक खौफनाक साजिश का खुलासा किया है. पुलिस ने घटना में मृतक बच्ची के दादा दादी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दादा और दादी ने ही अपनी 8 साल की मासूम पोती का कत्ल कर विपक्षी को फसाने की खौफनाक साजिश रची थी. पुलिस ने 4 दिनों के भीतर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है.
दरअसल, 20 सितंबर को अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 8 साल री बच्ची का शव खेत में मिला था. बच्ची का स्कूल बैग और चप्पल पास ही खेत में पड़े हुए थे. मामले में बच्ची के दादा लेखराज ने थाना टप्पल में आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया था. घटना वाले दिन अलीगढ़ के एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना भी किया था और वहीं एसएसपी द्वारा घटना के खुलासे के लिए पांच टीमें गठित की गई थी.
पूछताछ पर सामने आयी बातों के बाद पूरा शक दादा-दादी पर हुआ
टीम ने गांव के करीब 100 लोगों से गहनता से पूछताछ की. बच्ची के साथियों और उसके स्कूल के अन्य लोगों से भी बातचीत की. पुलिस को जानकारी मिली कि उस दिन बच्ची के दादा दादी को सुबह खेत के पास देखा गया था. पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि लेखराज के बेटे ओमप्रकाश के विरुद्ध गांव के ही एक अन्य व्यक्ति रामकिशन ने धारा 354, 504, 376, पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था और वह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
उक्त मुकदमे में लेखराज वादी पक्ष रामकिशन पर फैसले के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था. पुलिस को यह भी पता चला था कि बच्ची कई महीनों से स्कूल नहीं गई थी. इस प्रकार महीनों बाद अचानक किसी एक दिन स्कूल जाना और उसी दिन घटना का घटित होना पुलिस को संदेहास्पद लगा था. जिसके बाद सारा शक मृतक बच्ची के दादा और दादी की तरफ चला गया.
दादा-दादी ने किया जुर्म कबूल
पुलिस ने जब सभी साक्ष्यों को एक कर मृतक बच्ची की दादी और दादा संपत ओर लेखराज से गहनता से पूछताछ की तो उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने ही अपनी पोती रूबी की स्कूल के रास्ते में खेत पर हत्या कर दी थी. जिससे कि विपक्षी रामकिशन इस मामले में फंस जाए और जेल चला जाए. जिसके बाद फैसला आसानी से हो जाए. साथ ही पुलिस को यह भी बताया कि उसका कोर्ट कचहरी में काफी पैसा खर्च हो गया था यह भी एक कारण था कि मामला निपट जाएगा तो ज्यादा खर्चा भी नहीं होगा. पुलिस ने दादा और दादी को जेल भेज दिया है.
एसएसपी अलीगढ ने बताया कि एक बच्ची का शव स्कूल जाने वाले रास्ते खेत के किनारे पर मिला था और इससे सनसनी फैल गई थी. एसएसपी और अन्य अधिकारियों द्वारा मौके का मुआयना किया गया और 5 टीमों का गठन किया गया था. इस टीम ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की. जिसमें पता चला कि उसके दादा-दादी उस दिन खेत के नजदीक दिखाई दिए थे. जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने स्वीकार किया और उन्होंने बताया कि उनका दूसरा बेटा है उसके विरुद्ध 2019 में धारा 376,504,पोक्सो के तहत मुकदमा लिखा गया था जो चार्जशीट भी हुआ और उसमें ओमप्रकाश जेल गया था. इनका मुकदमाबाजी में काफी पैसा खर्च हो गया था और यह समझौता करना चाहते थे लेकिन विफल होने पर उन्होंने रणनीति बनाई की एक घटना करके वह विपक्षी पर दवाब बनाएंगे.
दादा-दादी को भेजा गया जेल
जब इन बातों को क्रॉस चेक किया गया तो सारे सबूत को लिंक कराया गया. इसके अलावा जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि है उसको भी हम लोगों द्वारा विशेषज्ञ की राय ली गई है. इसमें खुलासा करने वाली टीम की जांच जारी है और दोनों को हिरासत में लिया है ओर जेल भेज रहे हैं.
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