Aligarh Muslim University: नकल विहीन परीक्षा कराने के दावे करने वाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपनी साख बचाने में कामयाब नजर आया है. यही कारण है चर्चित परीक्षाओं में नकल को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा हाई प्रोफाइल तकनीक का इस्तेमाल कर अभ्यर्थियों की चेकिंग कराई जा रही थी लेकिन चेकिंग को झांसा देने के बाद कुछ छात्र अपने साथ मोबाइल लेकर परीक्षा देने के लिए पहुंच गए लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों ने नकलचियों को पकड़ने का काम किया.


अब विश्वविद्यालय प्रशासन पकड़े गए नकलची छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा प्रवेश परीक्षा के दौरान पकड़े हुए नकलचियों को लेकर अपनी साख भी बचाइ है. वरना अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा के दावे करने वाले वादों को खोकला साबित होने में देर नहीं लगती. गनीमत रही पेपर शुरू होने के आधे से एक घंटा के दौरान चारों नकलचियों  को दबोच लिया गया.


अंडरवियर में छिपा रखा था मोबाइल
अभ्यर्थियों के पास अंडरवियर में मोबाइल फोन छिपे हुए मिले. सभी मोबाइल को सील कर दिया है. उन्हें जांच कमेटी के सामने ही खोला जाएगा. तब पता चलेगा कि आरोपितों ने पेपर का फोटो लेकर किसी को वाट्सएप या अन्य माध्यम से शेयर किया था या नहीं. दरअसल एमएयू में सोमवार को बीटेक-बीआर्क, बीए एलएलबी और बीएड के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था. अलीगढ़ के अलावा यह परीक्षा सुबह की पाली में कोलकाता, लखनऊ, पटना, श्रीनगर, कोझीकोड और दिल्ली में बने परीक्षा केंद्रों पर भी आयोजित की गई. इस परीक्षा के दौरान ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परीक्षा के दौरान चार आरोपियों को संदिग्ध होने पर दबोच लिया गया.


क्या कहते हैं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर वसीम अली
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वसीम अली के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कुछ लोगों की संदिग्ध होने के आधार पर जब तलाशी ली गई तो मोबाइल फोन बरामद हुए. गणित विभाग से आमिर, कामर्स से मो. आमिर और भौतिक विज्ञान विभाग से एक अन्य अभ्यर्थी को पकड़ा गया है जिनको हमेशा के लिए यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के लिए डिबार कर दिया है. 


उनकी प्रवेश परीक्षा भी निरस्त कर दी है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. पेपर व कापी के साथ ही मोबाइल फोन सील कर दिए गए. जांच कमेटी के सामने ही उन्हें देखा जाएगा. इसके बाद ही पता चलेगा कि आरोपियों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था या नहीं. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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