Aligarh News: मुस्लिम समाज में रमजान का महीना काफी पवित्र महीना माना जाता है. 30 रोजे रखने के बाद ईद उल फितर की नमाज को लेकर मुस्लिम समाज के लोग जोर-जोर से तैयारी में लगते हैं.  जिस तरीके से सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर प्रदेश सरकार कड़ा रुख अपना रही है,और  मुस्लिम समाज के लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने के लिए अनुमति नहीं दी जा रही उसी को लेकर मुस्लिम समाज के मौलाना और उलमाओं और मुस्लिम समाज के काफी तादात में लोग एकत्रित होकर जिला अधिकारी ऑफिस पहुंचे और ईद की नमाज सड़क पर पढ़ने की अनुमति मांगी है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद व अन्य मौलानाओं ने अलीगढ़ के एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट को एक ज्ञापन दिया है.


ज्ञापन सौंपने वाले मौलानाओं का कहना है कि 75 वर्षों से ईद की नमाज को परंपरागत रूप से अदा किया जाता है लेकिन कोरोना काल के बाद से सरकार ने सड़कों पर नमाज न अदा करने का फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय मजबूरी थी जिसके चलते सरकार ने फरमान जारी किया था लेकिन उसके बाद अब सरकार ने ईद की नमाज को परंपरागत रूप से अदा करने पर रोक लगा दी है जिससे कि यह प्रतीत होता है कि सरकार भेदभाव के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जब सभी त्योहार परंपरागत रूप से मनाये जा रहे हैं तो ईद की नमाज को भी सड़कों पर अदा करने की अनुमति दी जाए इसको लेकर एक ज्ञापन दिया गया है.


मुस्लिम पक्ष ने मांगी सड़क पर नमाज की अनुमति
सोशल वर्कर उमर खान ने जानकारी देते हुए बताया कि ईद उल फितर का त्योहार 30 रोजा रखने के बाद मुसलमान के लिए आता है यह एक बड़ा त्यौहार है जिसमें सभी मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित होकर ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं. 70 वर्षों से यह नमाज सड़कों पर भी होती हुई आई है जिस तरीके से कोरोना कल में लोगों को मस्जिदों में जाने से रोका गया था. मुस्लिम समाज के लोगों को मस्जिदो के बाहर  सड़कों पर नमाज पढ़ने नहीं दी जा रही है. यह ऐसी नमाज है जो की मुस्लिम समाज में नमाज निकालने के बाद दोबारा नहीं पढ़ी जा सकती है. इसी कारण सभी लोग एकत्रित होकर ज्यादा से ज्यादा तादाद में नमाज पढ़ते हैं.


ज्ञापन पर क्या बोलें अधिकारी 
वही एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट के द्वारा जानकारी देते हुए  बताया  कि मुस्लिम समाज के लोग एक ज्ञापन लेकर आए थे उन्होंने ईद की नमाज के संबंध में ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने ईद की नमाज सड़कों पर पढ़ने की अनुमति मांगी है लेकिन यह आदेश पहले जारी हो चुका है किसी भी प्रकार सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी. ईदगाह में जिस तरीके से पिछले वर्ष नमाज पढ़ी गई है इस वर्ष भी उसी तरीके से नमाज अदा की जाएगी.


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