Aligarh News: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी लेवल की शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है. अप्रैल से कक्षाओं का नया सेशन भी शुरू हो गया है लेकिन अभी तक सरकार द्वारा दी जाने वाली किताबें प्राइमरी स्कूल के छात्र छात्राओं के पास तक नहीं पहुंची है. हालत यह है कि छात्र छात्राएं या तो पुरानी किताबों से पढ़ने को मजबूर है या राम भरोसे. जनपद स्तर पर करीब 19 लाख से ज्यादा छात्र छात्राओं को किताबें दी जानी है, लेकिन इसके सापेक्ष  अलीगढ़ बेसिक शिक्षा विभाग को एक लाख के आसपास छात्र-छात्राओं के लिए ही किताबें अभी उपलब्ध हो पाई है. और वह भी उन तक नहीं पहुंची है. बाकी किताबें कब आएंगी यह किसी को नहीं पता. अधिकारियों की माने तो विलंब का कारण विधानसभा चुनाव रहे है क्योंकि उसकी वजह से टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी.


पुरानी किताबों से पढ़ रहे बच्चे
अलीगढ़ के कुछ प्राइमरी स्कूलों में अध्यापिका और छात्र-छात्राओं का कहना है कि किताबें जुलाई के महीने के पहले हफ्ते तक तक मिल जाती है लेकिन किताबें अभी तक नहीं आई है. छात्र-छात्राएं पुरानी किताबों से काम चला रहे हैं या फिर उनको स्कूल में ही काम कराया जाता है. साथ ही उनकी व्हाट्सएप्प पर या ई क्लासेज भी चल रही है. लेकिन बेसिक स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते हैं जिनके पास मोबाइल उपलब्ध नहीं है. आखिर वह इस तरह की क्लासेस कैसे करेंगे और बिना किताबों के घर में कैसे पढ़ेंगे.


 खंड शिक्षा अधिकारी ने दिया ये आश्वासन 
अलीगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी चंद्र भूषण प्रसाद ने बताया कि 1 लाख से ज्यादा बच्चों की किताबें प्राप्त हो चुकी है. अभी किताबें 8 जुलाई को प्राप्त हुई है. बाकी किताबों की आपूर्ति धीरे-धीरे और आती रहेगी. इन पाठ्य पुस्तकों के लिए पहले जनपद स्तर पर सत्यापन होता है. जिसमें 5 सदस्य होते हैं. सत्यापन होते ही किताबों को विद्यालय स्तर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. बच्चों की पढ़ाई चल रही है और हम जल्द ही इसका वितरण करने जा रहे हैं. अभी 19 लाख के सापेक्ष एक लाख की आपूर्ति प्राप्त हुई है और इसका सत्यापन हम 2 दिन के अंदर करा कर के वितरण शुरू करा देंगे और स्कूल में पहुंचा देंगे. विलंब की वजह विधानसभा चुनाव रहा. इस वर्ष विधानसभा चुनाव हुए है. अब इसकी आपूर्ति का काम प्रारंभ हो गया है और जल्द ही बच्चों को किताबें मिल जाएगी. 


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