30 दिसंबर को नोएडा कूच करेंगे यूपी के किसान, भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का ऐलान
UP News: 30 दिसंबर को प्रदेश भर के किसान अपनी प्रमुख मांगों को लेकर नोएडा में प्रदर्शन करेंगे. भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा ने यह जानकारी दी है.
Aligarh News: अलीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा ने मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार किसानों के लिए किए गए अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है. राजपाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय को दुगुना करने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसके उलट, किसानों को उनकी फसल की लागत तक नहीं मिल पा रही है, जिससे उनका जीवन स्तर लगातार गिरता जा रहा है.
राजपाल शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में किसान पूरी तरह से हताश और लाचार हो चुके हैं. किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार सड़कों पर उतरना पड़ता है. सरकार की नीतियां और योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं. इन योजनाओं का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है. किसान नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल खोखले वादे किए हैं और किसानों के हितों को नजरअंदाज किया है.
30 दिसंबर को प्रदेश भर के किसान करेंगे प्रदर्शन
राजपाल शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत नहीं मिल रही है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है. सरकार के पास किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है, जिसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ रही हैं. भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के प्रदेश अध्यक्ष ने यह घोषणा की कि 30 दिसंबर को प्रदेश भर के किसान एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे. इसका उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है ताकि वह किसानों की समस्याओं का समाधान कर सके.
उन्होंने कहा कि इस दिन प्रदेश भर से लाखों की संख्या में किसान नोएडा की ओर कूच करेंगे. यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के बैनर तले आयोजित किया जाएगा. इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाना है. राजपाल शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. किसानों से अपील की है कि, वे इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपनी मांगों को मजबूती से सरकार के सामने रखें. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हितों को हमेशा नजरअंदाज किया है.
"किसानों की मांग को गंभीरता से ले सरकार"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से ले और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तक नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए जो वादे किए थे, वे सिर्फ चुनावी स्टंट साबित हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है.
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह किसानों के लिए फसल की उचित कीमत सुनिश्चित करे ताकि किसान सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें. कहा कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार उन्हें उपेक्षित कर रही है. किसानों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को अनदेखा किया, तो इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
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