Aligarh News: हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा तालों का शहर अलीगढ़? जिला पंचायत बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी
Aligarh News: यूपी मे नाम बदलने की सियासत एक बार शुरू हो गई है. ताला नगरी के नाम से मशहूर अलीगढ़ अब हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा. जिला पंचायत बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है.
Aligarh News: उत्तर प्रदेश में तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ का नाम बदलने की चर्चा तेज हो गई है. इसका नया नाम हरिगढ़ हो जाएगा. अलीगढ़ जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया है. यही नहीं, इस दौरान प्रस्ताव बनाकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया है. इस बात की जानकारी अलीगढ़ जिला पंचायत की अध्यक्ष के पति श्योराज सिंह ने दी.
बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी
आपको बता दें कि, सोमवार को अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने सभी सदस्यों, ब्लाक प्रमुख, विधायकों से उनके सुझाव मांगे थे. उन्होंने कहा कि वह यथासंभव विकास कार्यों में सबका साथ सबका विकास के एजेंडे पर काम करेंगी. ब्लाक प्रमुख और बोर्ड के सदस्य केशरी सिंह और उमेश यादव ने अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव दिया. नवगठित जिला पंचायत की दूसरी बोर्ड बैठक सोमवार को जिला पंचायत परिसर के गोविंद वल्लभ पंत सभागार के किसान भवन में आयोजित की गई.
सबकी सहमति से पारित हुआ प्रस्ताव
जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह के पति व ब्रज प्रांत भाजपा के उपाध्यक्ष श्योराज सिंह ने बताया कि, सदन के अंतर्गत कल कई प्रस्ताव आए थे. अलीगढ़ के नाम का प्रस्ताव हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव सभी संगठनों ने किया और सदन में बैठे हुए सभी प्रमुख लोग जिनमें विधायक, जिला पंचायत सदस्य सहित करीब 70 लोग हैं. उनमें से 52 लोग मौजूद थे. सभी का प्रस्ताव था कि, हरीगढ़ पुराना नाम रहा है, जिले का और उसकी मांग हमेशा से रही है सभी समुदाय के लोगों ने मांग है कि, पुराना नाम रहा है तो हरीगढ़ का नाम प्रस्तावित करके योगी की सरकार को भेजा जाए. जो प्रस्ताव पास हुआ है वह सभी समाज की तरफ से था. प्रस्ताव पारित हुआ और उसे आगे योगी आदिनाथ के सदन में भेजा जाएगा और वहां से जो आदेश आएगा सभी की जो इच्छा है वह पूरी होगी.
कल्याण सिंह के नाम पर होगा धनीपुर एयरपोर्ट का नाम
इन प्रस्तावों के अलावा जिला पंचायत सदस्यों ने धनीपुर मिनी एयरपोर्ट का नाम पूर्व सीएम कल्याण सिंह के नाम पर रखे जाने, स्व. राजा बलवंत सिंह के नाम से द्वार बनवाने, एक नई चीनी मिल की स्थापना किये जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी. इन प्रस्तावों को लेकर किसी ने भी विरोध या आपत्ति दर्ज नहीं की है.
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