Aligarh News: अलीगढ़ पुलिस, स्वाट टीम  और साइबर सेल टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को तीनों आरोपियों के पास से 19 लाख रुपये नकद बरामद हुए है. पुलिस ने तीनों आरोपियों के तार अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर जुड़े होना बताया है. पुलिस ने कार, एटीएम कार्ड व बैंक की पासबुक के साथ-साथ अन्य समान बरामद किये हैं. इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.


पूरे मामले पर एएसपी अमृत जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वाट टीम को लंबे समय से आरोपियों के अलीगढ़ में रहने की सूचना मिल रही थी. आरोपियों ने अब तक 6 करोड़ रुपये साइबर क्राइम के जरिये अर्जित किए थे जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा आरोपियों के अलग-अलग ट्रांजैक्शन के माध्यम से निकाल लिए गए हैं. पुलिस को आरोपियों के पास से 19 लाख रूपये,  बैंकों की 10 चैकबुक, अलग अलग बैंकों के 10 एटीएम कार्ड, पासबुक, आधारकार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 5 मोबाइल फोन व एक बलेनो कार  HR 29 AH 9847  बरामद हुई है.




जालसाजों के कई राज्यों से जुड़ें हैं तार 
बताया गया है आरोपियों के तार दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि में फैले हुए है. ये लोग भोले-भाले लोगो को शेयर मार्केट में शेयर में निवेश करने, पैसा दोगुना करने, ऑनलाइन लिंक भेजकर लॉटरी व ईनाम निकलने का झांसा देकर, ओटीपी लेकर उनके खातों से ऑनलाइन पैसे का ट्रांजेक्शन कर लेते है. इसके बाद इनके जगह-जगह एजेंट है जिनके माध्यम से गरीब मजदूर भोले-भाले लोगों को नौकरी आदि का लालच देकर उनका बायोडाटा व बैंक अकाउंट का डिटेल लेकर उन खातों में पैसे ट्रांसफर करते है तथा गिरोह के सदस्य तत्काल ही ऑनलाइन ट्रांसफर किए हुए धन को खाताधारकों को साथ ले जाकर बैंक से चैक के माध्यम से निकाल लेते है. 


यदि किसी कारणवश कैस निकालने में विलम्भ होता है तो पुनः उन खातों से कैश दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है. निकाले गये कैश को दिल्ली ले जाकर मनी एक्सचेंज एजेंट के माध्यम से डालर (यूनाइटिड स्टेट डालर टोकन) में कन्वर्ट करते हैं तथा क्रिप्टो करेंसी को गिरोह के अन्य सदस्यों के क्रिप्टो करेंसी अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं.


पूछताछ में हुए कई खुलासे
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि अब तक इन्होने 5 से 6 करोड की साइबर ठगी की है तथा जनपद अलीगढ़ के ही आईड़ीएफसी फस्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, बैंक आफ बडौदा, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, बोम्बे मर्चेंटाइल बैंक आदि शाखाओं से साइबर अपराध से अर्जित की गयी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गयी तथा उक्त रकम को भोले-भाले लोगों के खातों के माध्यम से इन बैंक की शाखाओं से करीब डेढ़ दो करोड रूपये निकाले गये हैं. 


पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें काशिश खुराना पुत्र राजेश खुराना उम्र करीब 27 वर्ष जोकि 21 सावन पार्क अशोक विहार फेज 3 भारत नगर दिल्ली का रहने वाला है. मनीष पांडेय पुत्र सुरेश पांडेय उम्र करीब 28 वर्ष निवासी लवीना पार्क ब्लॉक नं0 2 टैगोर नगर थाना गांधी नगर नासिक महाराष्ट्र का रहने का वाला है. अरशद पुत्र आरिफ उम्र करीब 22 वर्ष निवासी पत्थर वाली गली केला नगर थाना क्वार्सी अलीगढ़ का रहने वाला है.