सिराजुद्दीन कुरैशी को अलीगढ़ में दूसरा झटका, HC के आदेश पर करोड़ों की कंपनी सील
UP News: सिराजुद्दीन कुरैशी की करोड़ों रुपए की कंपनी हिंद एग्रो इंडस्ट्रीज को बैंक ने सीज कर दिया है. कंपनी पर लगभग 900 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी विदेश में मांस का निर्यात करती थी.
Aligarh News: सिराजुद्दीन कुरैशी को अलीगढ़ में दूसरा बड़ा झटका लगा है. जहां सिराजुद्दीन कुरैशी की करोड़ों रुपए की कंपनी को बैंक के कर्ज का उधार न करने पर सीज कर दिया गया है. अब इस कंपनी पर सिराजुद्दीन कुरैशी का अधिकार खत्म बताया जा रहा है. सिराजुद्दीन कुरैशी की कंपनी विदेश में मांस का निर्यात करती थी. अलग-अलग जगह पर यहां भैंस का कटान होता था और उसके बाद यहां से मीट निर्यात होता था.
दरअसल, पूरा मामला जिला अलीगढ़ के अनुपशहर रोड स्थित छेरतकी मांस निर्यात फैक्ट्री हिंद एग्रो इंडस्ट्रीज का है. जहां हाईकोर्ट के निर्देश पर नियुक्त कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया (सीआइआरपी) के प्रतिनिधि के द्वारा इस कम्पनी को अपने कब्जे में लिया गया है. हिंद एग्रो कम्पनी के नाम से पांच बैंक से विदेशी मांस कारोबारियों सहित अन्य जगह के कर्जे को मिलाकर करीब 900 करोड़ रूपये का भुगतान बताया गया है.
कंपनी को बैंक ने लिया कब्जे में
सिराजुद्दीन कुरैशी इस्लामिक कल्चर सेंटर के चार बार के अध्यक्ष रह चुके हैं. सिराजुद्दीन कुरैशी की करोड़ों रुपए की कंपनी को अब पूरे तरीके से बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया है. हालांकि इस कंपनी को लेकर पहले से ही बैंक में विवाद चल रहा था. लेकिन आज कोर्ट के आदेश जिला प्रशासन को मिले तो जिला प्रशासन की मौजूदगी में इस कंपनी को बैंक के द्वारा कब्जे में ले लिया. इस कंपनी की जमीन से उन पैसों को वसूलने के बाद बैंकों के कर्ज को अदा किया जाएगा.
12 अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अलीगढ़ डीएम के द्वारा पुलिस प्रशासन को टीम को इस फैक्ट्री पर कब्जा में लेने का बोर्ड भी लगाने के आदेश दिए थे. जिसको लेकर फैक्ट्री के ठेकेदारों के द्वारा विरोध किया तो पुलिस प्रशासन ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला दिया था. लेकिन उसके बाद आज प्रशासनिक टीम के नेतृत्व में कोर्ट के आदेश पर आई टीम को फैक्ट्री का कब्जा दिला दिया गया है.
1996 में हुई इस कंपनी की शुरूआत
इस फैक्ट्री की शुरुआत दिल्ली के रहने वाले सिराजुद्दीन कुरैशी ने गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद के बाद वर्ष 1996 में अलीगढ़ के छेरत रोड पर हिंद एग्रो नाम से पशु मांस निर्यात फैक्ट्री की शुरुआत की थी. इसमें पहले 5,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. शुरुआत में सबकुछ ठीक से चल और मजदूरों को भी दो वक्त की रोटी मिली. कोरोना महामारी के बाद फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड ने फैक्ट्री के सपनों को खाक में तब्दील कर दिया
2022 में अधिकारियों ने मारा छापा
पूरी कंपनी अग्निकांड से पनप नहीं पाई कि अप्रैल वर्ष 2022 तक पहुंची तो प्रशासनिक अधिकारियों की कई संयुक्त टीम ने इस फैक्ट्री पर छापा मारा. उस दौरान पशुओं को फर्श पर ही कटान करते हुए पाया गया. जिसमे मौके से 35 कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए उन पर कार्रवाई की. वहीं जनरल मैनेजर आबिद व एचआर हेड मोहम्मद रहुफ के खिलाफ भी स्थानीय थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया. और कम्पनी जब से अब तक कर्ज में डूबते हुए दिवालिया हो गई,
पूरे मामले को लेकर फैक्ट्री को कब्जे में लेने वाले सरदार परमजीत सिंह आहूजा, प्रतिनिधि, सीआइआरपी द्वारा बताया गया हिंद एग्रो का पूरा समूह कर्ज में डूबा हुआ है. पांच से अधिक बैंकों की करोड़ों की इनपर देनदारी है. बैंकों के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने सीआइआरपी प्रतिनिधि नियुक्त करने का सामूहिक निर्णय लिया. इसी को लेकर ये मामला हाईकोर्ट पहुचाँ तो कोर्ट ने हमें इसका प्रतिनिधि नियुक्त किया. इस प्लांट पर हमने अपना कब्जा ले लिया है. ताकि कर्मचारियों से लेकर बैंकों की भी देनदारी दी जा सके.
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