Aligarh News: अलीगढ़ की बेटी तंजीला खान ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने शहर, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. अब वह एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी में जुटी हैं. तंजीला खान की सफलता की यह यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी बताती है कि शिक्षा के साथ खेलों का संयोजन कैसे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरुस्त बनाता है.


तंजीला का मानना है कि आज के दौर में, जब हर कोई डिजिटल और कंप्यूटर आधारित जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, "आज के छात्र और छात्राएं, खासकर लड़कियां, खेलों में कम रुचि लेती हैं. यह चिंता का विषय है. खेल न केवल शारीरिक फिटनेस में मदद करता है, बल्कि मानसिक स्फूर्ति और शिक्षा में भी सुधार लाता है."तंजीला ने खुद को इसका जीता-जागता उदाहरण बना दिया है. 


अपनी शिक्षा पूरी करते हुए उन्होंने खेलों में न केवल उत्कृष्टता प्राप्त की, बल्कि देश को भी गौरवान्वित किया. उनका कहना है कि अगर छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ किसी एक खेल को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं, तो न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं.


अलीगढ़ से एशियन गेम्स तक का सफर
तंजीला खान अलीगढ़ जिले के थाना सिविल लाइन इलाके के भमोला की निवासी हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) से पूरी की. बचपन से ही उन्हें रोलर स्केटिंग का शौक था. पिछले 10 सालों से वह इस खेल में खुद को निखार रही हैं. 62वीं राष्ट्रीय रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में तंजीला ने उत्तर प्रदेश की टीम का हिस्सा बनकर स्वर्ण पदक जीता. यह प्रतियोगिता दिसंबर 2024 में मैसूर, बेंगलुरु और कोयंबटूर में आयोजित की गई थी. यह उनके करियर का एक और बड़ा पड़ाव साबित हुआ. तंजीला ने बताया कि वह अब एशियन गेम्स की तैयारियों में जुट गई हैं और रोजाना 3 से 4 घंटे प्रैक्टिस कर रही हैं. उन्हें विश्वास है कि वह एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करेंगी.


तंजीला वर्तमान में अलीगढ़ के एक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर के रूप में काम कर रही हैं. उनका मानना है कि इस भूमिका के माध्यम से न केवल उनकी प्रैक्टिस होती है, बल्कि वह नई प्रतिभाओं को भी तैयार करने का काम कर रही हैं. उनका कहना है, "जब मैं बच्चों को कोचिंग देती हूं, तो मुझे गर्व होता है कि मैं देश के लिए भविष्य के खिलाड़ियों को तैयार कर रही हूं."


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां
तंजीला खान अब तक 17 ओपन नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुकी हैं, जिनमें से 12 बार उन्होंने नेशनल लेवल पर चैंपियनशिप जीती है. उन्होंने 2 साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चयन हासिल किया और अब एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया, "रोजाना 3 से 4 घंटे प्रैक्टिस करना मेरी दिनचर्या का हिस्सा है. मैं खुद पर और अपने खेल पर भरोसा रखती हूं. मुझे विश्वास है कि मैं भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहूंगी. "रोलर स्केटिंग के प्रति जुनून और समाज को संदेश तंजीला ने खेलों के महत्व को लेकर एक खास संदेश भी दिया.


उन्होंने कहा कि खेलकूद आज के समय में छात्रों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए. खासकर लड़कियों को खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. तंजीला का मानना है कि खेलकूद में भाग लेने से आत्मविश्वास बढ़ता है और एक नया दृष्टिकोण विकसित होता है. उन्होंने कहा, "आज के बच्चे सोशल मीडिया और मोबाइल फोन में ज्यादा समय बिताते हैं. खेलों में उनकी रुचि कम होती जा रही है. यह हमारे समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है. अगर छात्र-छात्राएं किसी भी एक खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, तो वे खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रख सकते हैं."


भविष्य की योजनाएं
तंजीला ने कहा, "मुझे अपने ऊपर पूरा भरोसा है. मैं अपनी प्रैक्टिस को और बेहतर बनाऊंगी और भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करूंगी." तंजीला खान के जुनून की कहानी केवल एक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनकी उपलब्धियां न केवल अलीगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात हैं. तंजीला ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो कोई भी बाधा रास्ते में नहीं आ सकती. उनकी कहानी हर युवा को प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों का पीछा करें और अपने देश का नाम रोशन करें.


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