Aligarh महिला अस्पताल में संविदा कर्मियों ने CMS और कर्मचारियों को बनाया बंधक, ऑफिस के बाहर फेंका कूड़ा
Aligarh District Women Hospital: संविदा कर्मियों ने बताया, 4 साल से हम नौकरी कर रहे हैं. मैडम ने बिना नोटिस दिए निकाल दिया है. सीएमएस ने फर्जी तरीके से निकाला है.
Uttar Pradesh News: यूपी में अलीगढ़ के जिला महिला अस्पताल (Aligarh District Women Hospital) में निकाले जाने से नाराज संविदा कर्मियों ने सीएमएस ऑफिस (Aligarh CMS office) के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया. सुबह से प्रदर्शन करते हुए संविदा कर्मियों की जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने सीएमएस ऑफिस के बाहर ताला लगा दिया और वहां कूड़े का ढेर भी फेंक दिया. सीएमएस और कर्मचारी काफी देर तक बंधक बने रहे जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस (Aligarh Police) और मजिस्ट्रेट ने उनको वहां से निकाला.
बिना नोटिस दिए निकाला-संविदा कर्मी
संविदा कर्मियों ने बताया कि 4 साल से हम नौकरी कर रहे हैं. मैडम ने हमें बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया है और कहा है कि आपकी जरूरत नहीं है, लखनऊ कंपनी से बात कीजिए. कंपनी ने मना किया है कि हमने कोई कॉन्ट्रैक्ट खत्म नहीं किया है ना हमने किसी को निकाला है. सीएमएस ने फर्जी तरीके से निकाला है. आज हम यहां पर धरना दे रहे थे और धरने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी मजबूरन हमें सीएमएस ऑफिस के बाहर ताला लगाना पड़ा और कूड़ा गिराना पड़ा.
सीएमएस ने इस मामले पर क्या कहा
वहीं मामले पर सीएमएस डॉ रेनु शर्मा ने बताया कि हमारे यहां एमसीएच बिल्डिंग है. इसमें 10 सफाई कर्मचारी और एक माली कार्य कर रहे थे. आउटपुट कंपनी से अब क्लीनिंग और गार्डनिंग का कॉन्ट्रैक्ट दूसरी कंपनी को चला गया है. वह भी कार्य कर रही है. दो कंपनियों की डुप्लीकेसी होने की वजह से हमारे पास ऑडिट ऑब्जेक्शन आया कि यह डबल पेमेंट हो रहा है. एक ही कंपनी है इसलिए दोनों का पेमेंट नहीं किया जा सकता. उस ऑब्जेक्शन को निर्धारित करने के तहत मैंने कंपनी वालों को लिखा कि आप अपने 40 में से 10 सफाई कर्मचारी और माली को वापस ले लीजिए.
सीएमएस ने आगे कहा कि, हमारे यहां से उनका पैसा देना संभव नहीं होगा. उसके विरोध में लोग यहां पर मेरे खिलाफ धरना दे रहे हैं. शायद कंपनी ने बताया हो कि मैंने निकाला है. मेरा कहना यह है कि कंपनी इनको वापस ले और कहीं भी समायोजित कर दे. उनके कर्मचारी हैं. उनके द्वारा मेरे ऑफिस के बाहर गंदगी डाली गई, मुझे बंद किया गया और ताला लगा दिया गया. मेरे पास सभी कर्मचारी मौजूद हैं. हम सबको बंद कर दिया. मैंने पुलिस को सूचना दे दी है और अधिकारियों को बता दिया है.
सिटी मजिस्ट्रेट ने मामले पर क्या कहा
मौके पर पहुंचे अपर सिटी मजिस्ट्रेट कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि, यह आउटसोर्सिंग कर्मचारी थे. एक कंपनी है जिसका अनुबंध यहां के सीएमएस से हुआ था, उसके बाद एक दूसरा अनुबंध स्टेट लेवल पर हो गया. दोनों कर्मचारी काम कर रहे थे तो दोनों को एक साथ पैसा देने में दिक्कत हो रही थी जिसे लेकर उन्होंने एक लेटर लिखा था, जिसका उन्होंने विरोध किया था. ये लोग धरने पर बैठे थे. इनको समझाया गया है. इनका ज्ञापन लिया गया है और सभी से बात हुई है. कुछ आक्रोशित कर्मचारी थे जिन्होंने कचरा डाला था उनको समझाया गया है और कचरा हटा दिया गया है.