उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव (Viresh Yadav) ने दो जानलेवा हमलों के मामले में कुर्की आदेश जारी होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA court) में आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने पूर्व सपा विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं द्वारा दाखिल की गई जमानत अर्जी पर तारीख तय कर दी गई है.


वकील ने क्या बताया
सरकारी अधिवक्ता कुलदीप तोमर ने बताया, वर्ष 1997 में दादो क्षेत्र के सांकरा निवासी शिव कुमार गुप्ता और वर्ष 1998 में रायपुर निवासी दर्शन सिंह ने दादो थाने में सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव के खिलाफ एक राय होकर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था. दोनों ही मामले एमपी-एमएलए कोर्ट एडीजे चतुर्थ के  में चल रहे हैं. 


वकील ने बताया कि, दोनों ही मुकदमों में 5 सितंबर 2019 में कोर्ट से कुर्की नोटिस जारी किए गए थे. यह नोटिस थाना पुलिस ने तामील भी करा दिए थे लेकिन पूर्व विधायक वीरेश यादव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इसके बाद प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को कोर्ट स्तर से पत्र लिखकर गैर जमानती वारंट जारी किए गए और सपा के पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए. 


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इसके बाद  सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की जिसे  खारिज कर दिया गया. गैर जमानती वारंट और कुर्की नोटिस जारी होने के बाद पूर्व सपा विधायक के कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ 26 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों मुकदमों में धारा 83 के तहत कुर्की आदेश जारी करते हुए 7 मई को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. 


बुधवार को पूर्व सपा विधायक वीरेश यादव ने एमपी-एमएलए मामलों के कोर्ट एडीजे चतुर्थ के में आत्मसमर्पण किया और उनके अधिवक्ताओं ने जमानत अर्जी दाखिल की. कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए, पूर्व सपा विधायक वीरेश यादव को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.


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