Uttar Pradesh News: वैसे तो डॉक्टरों को धरती का भगवान कहां जाता है लेकिन जब धरती के भगवान के द्वारा अपने मरीजों के साथ लापरवाही के आरोप तीमारदार द्वारा लगाए जाएं तो डॉक्टरों के कार्य पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. दरअसल मामला यूपी में अलीगढ़ (Aligarh) मोहनलाल गौतम राजकीय चिकित्सालय (Mohanlal Gautam Government Hospital) का है जहां तहसील गभाना से प्रसव के लिए एक महिला अपने परिवार के साथ आई हुई थी. मोहनलाल गौतम राजकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों के द्वारा महिला की साधारण डिलीवरी कराई गई. डिलीवरी के बाद महिला को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. 


परिजनों ने लगाया ये आरोप
महिला के परिजनों द्वारा बताया गया कि वार्ड में महिला की तबीयत खराब होने पर जब डॉक्टर को जानकारी दी गई तो डॉक्टरों ने आनाकानी की और किसी भी डॉक्टर ने वार्ड में आकर महिला को नहीं देखा. परिजन लगातार डॉक्टरों से संपर्क करते रहे लेकिन एक भी डॉक्टर महिला को देखने नहीं आई जिसकी वजह से महिला की मौत हो गई. परिजनों ने महिला की तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों पर देरी करने और लापरवाही का आरोप लगाया है.


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सीएमएस ने क्या बताया
मामले पर मोहनलाल गौतम राजकीय चिकित्सालय की सीएमएस रेनू शर्मा ने बताया कि, यह महिला गभाना सीएचसी से रेफर की गई थी. एंट्री टाइम 11:35 था और इसकी डिलीवरी आते ही 11:36 पर हो गई. वह एनीमिया की पेशेंट थी उसके बावजूद उसका उपचार हुआ. पेशेंट 2 घंटे सही रही. 1:30 बजे के करीब उसको वार्ड में शिफ्ट किया गया. इस समय तक कोई ब्लीडिंग वगैरह नहीं थी. 


जांच कराई जाएगी-सीएमएस
सीएमएस ने आगे बताया कि, अचानक उसने घबराहट की शिकायत की तो घरवालों ने घबराहट समझ कर उसको चाय पिलाई जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई. परिजनों की सूचना पर तुरंत मरीज को नीचे लाया गया. हमारे सभी डॉक्टरों द्वारा ओटी में जाकर उसको रिवाइव करने की कोशिश की गई लेकिन उसकी मौत हो गई. अगर किसी तरह की कोई शिकायत है तो मैं पूरे मामले पर जांच कराऊंगी.


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