Aligarh News: कहते हैं जल है तो कल है यह बात प्रशासन के समझ में तो आ गई लेकिन अब जनता को इस बात का समझना बेहद जरूरी है. अलीगढ़ जिला पानी की किल्लत से जूझता हुआ नजर आ रहा है. जहां पहले महज 70 से 120 फीट तक नल में पानी आ जाया करता था लेकिन वहीं पानी 200 फीट से भी ज्यादा नीचे पहुंच चुका है जिसके कारण अलीगढ़ प्रशासन काफी चिंतित नजर आ रहा है.जहां पहले अलग-अलग जगह पर डार्क जोन घोषित कर दिए थे तो वहीं दूसरी ओर अब सबसे ज्यादा किल्लत नगर निगम क्षेत्र में देखने को मिल रही है.
नगर निगम क्षेत्र के इलाकों में पानी की समस्या से जूझ रही जनता सिर्फ पानी की किल्लत से निजात दिलाने के लिए लगातार प्रशासन को ही कोष रही है लेकिन जल है तो कल है वाली सच्चाई अभी किसी की समझ में नहीं आई यह सच्चाई सभी से दूर है. अनावश्यक पानी के खर्च को लेकर कोई चिंतित नहीं है लेकिन प्रशासन के द्वारा इस ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है.
बारिश के जल को किया जाएगा संग्रहित
नगर निगम के नगर आयुक्त के द्वारा अब नगर निगम में लगने वाली पोखरों को खुदवाने का काम शुरू कर दिया है. जिससे बारिश के समय में जलस्तर को बढ़ाया जा सके और पोखर और तालाबों में जल को इकट्ठा किया जा सके. इसे लेकर अब नगर निगम युद्ध स्तर पर काम करता हुआ नजर आ रहा है, जिससे महज एक ही साल में अलीगढ़ नगर निगम क्षेत्र का जल स्तर समतल नजर आएगा,साथ ही.नगर निगम द्वारा अलीगढ़ में बनी पोखरों की खुदाई करके उन्हें गहरा किया जा रहा है. ताकि मानसून आने पर बारिश का पानी पोखरों में एकत्रित हो सके. इसके लिए अलीगढ़ नगर निगम के नगर आयुक्त अमित असेरी ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं.
नगर निगम के जीएम जल अधिकारी अनवर ख्वाजा ने बताया कि सुपर कंस्ट्रक्शन कंपनी लखनऊ पोखरों को गहरा करने का काम कर रही है. 151 रुपए प्रति घन मीटर की दर से इसका भुगतान किया जाएगा. कंपनी ने चार पोखरों का काम लगभग पूरा कर दिया है. जिनमे मथुरा रोड वार्ड नंबर 23 पोखर, बेरी वाली पोखर, 8 बीगा पोखर, स्कूल के पास वाली पोखर और सभासद के गांव वाली पोखर शामिल है. इनके अलावा 6 पोखरों पर अभी काम जारी है.जिनका काम जल्द ही कंप्लीट कर लिया जाएगा. इन 6 पोखरों मे अलीगढ़ के नई बस्ती पोखर,गुलर रोड पोखर, शक्ति नगर पोखर, मंजूर गाड़ी पोखर, विकास नगर पोखर और अलीपुर पोखर शामिल है.
नगर आयुक्त अमित आसेरी ने बताया कि अलीगढ़ में लगातार पानी की किल्लत को लेकर नगर निगम प्रयास कर रहा है. जहां पहले कई पोखरों के कारण वाटर रिचार्ज हुआ करता था लेकिन अब वह खत्म होने के कारण ऐसी पोखरों को चयनित करने के बाद टीमों को आदेशित किया गया है ऐसी पोखरो की खुदाई करने के बाद मानसून आने से पहले उनको तैयार किया जाए जिससे मानसून के समय में बारिश का पानी पोखर में पहुंचे और जलस्तर बढ़ सके. आम जनता को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए यह कार्य बारिश से पहले पूरा हो जाएगा. फिलहाल इसकी तैयारी की जा रही है.