'मुहर्रम बंद होगा तो कांवड़ यात्रा भी बंद...', सीएम योगी के बयान पर AIMPLB की दो टूक
Muharram 2024: मुहर्रम जुलूस पर यूपी सरकार के हालिया आदेश पर कमाल फारुकी ने रामलीला और गुरु नानक जयंती जिक्र करते हुए योगी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि इसपर कानून लाना चाहिए.
Muharram 2024: समान नागरिक संहिता पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य कमाल फारुकी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि हमें यूसीसी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं है और वे इस कानून को कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा, मुस्लिमों के पर्सनल कानून में किसी भी तरह का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है. कमाल फारुकी ने कहा, यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान का हिस्सा नहीं है, इसलिए ये हमें स्वीकार नहीं है.
फारुकी ने कहा कि संविधान हमें अपने धर्म का अनुसरण करने की पूरी आजादी देता है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि अपने धर्म का पालन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमें संविधान से पर्सनल लॉ मिला है, जो हमारे कुरान मजीद ने बताए हैं, उसमें हम किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं. इसके खिलाफ बने कानून को हम चुनौती देंगे. उन्होंने तलाक के बाद मुस्लिम महिलाओं को गुजारा-भत्ते देने के कोर्ट के फैसले पर कहा कि इसके लिए रविवार को हमारी वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है, इसमें चर्चा हुई है कि सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर किस तरह से प्रतिक्रिया दी जाएगी.
VIDEO | Here's what Kamal Faruqui, All India Muslim Committee member, said on UP government's recent order on Muharram procession.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 14, 2024
"Ramlilas and celebration of Guru Nanak birthday should also be banned then. Everything should be stopped and a law should be brought on this. The… pic.twitter.com/B7Py07h135
सीएम योगी के मुहर्रम जुलूस के बायान पर फारुकी का प्रहार
फारुकी ने सीएम योगी के मुहर्रम के संबंध में दिए गए बयान पर कहा कि, अगर मुहर्रम नहीं होगा, तो रामलीला, गुरुनानक जयंती आदि भी बंद होना चाहिए. सड़क पर कोई भी धार्मिक कार्यक्रम नहीं होना चाहिए. रामलीला को भी बंद कर देना चाहिए. सबके लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते हैं. इस देश में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सब समान हैं.
यूसीसी को चुनौती देंगे फारुकी
एआईएमपीएलबी प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने भी यूसीसी के मामले पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भारत विविधताओं का देश है, इसलिए अगर यहां सब एक समान कर दिया गया, तो अशांति पैदा होगी. हमारे यहां आईपीसी और सीआरपीसी के तहत कानून भी एक समान नहीं है, संविधान में भी समानता नहीं है, वहां भी अपवाद है. हम यूसीसी को चुनौती देंगे. उन्होंने गुजारे-भत्ते को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला शरीयत के कानून से टकराता है. ये फैसला औरतों के लिए और मुसीबत खड़ी करेगा. उन्होंने तर्क दिया है कि अगर आदमी को तलाक के बाद भी सारी जिंदगी मेंटेनेंस देना होगा, तो वो तलाक ही नहीं देगा, और रिश्तों में जो तल्खी आएगी, उसकी वजह से जिंदगी भर औरत को भुगतना होगा.
सीएम योगी के मुहर्रम वाले बयान पर फारुकी भड़कें
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी ने बोर्ड को अथॉरिटी दी है कि लीगल कमेटी से बात कर इस फैसले को कैसे वापस लिया जा सकता है, इस पर काम करें. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर कहा कि उन्होंने सिर्फ मुहर्रम का जिक्र क्यों किया है, कावड़ यात्रा का जिक्र क्यों नहीं किया है? उत्तर प्रदेश में सड़कों पर और भी त्योहार मनाए जाते हैं, जागरण होते हैं, लेकिन मुहर्रम का जिक्र क्यों किया जा रहा है? यह सिर्फ दो समुदायों को आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है. यहां पर मुस्लिम सदियों से रह रहे हैं और आपस में भाईचारा बना कर रह रहे हैं. अगर सड़क पर मुहर्रम बंद होगा, तो कावड़ यात्रा भी बंद होनी चाहिए.
एजेंसी इनपुट के साथ
ये भी पढ़ें: 'सांपनाथ और नागनाथ ने झूठ-फरेब...', डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कांग्रेस-सपा पर तंज