Ban on PFI: केन्द्र सरकार ने देशभर में पीएफआई (PFI Ban) के आतंकी गतिविधियों में लगातार सक्रियता के सबूत मिलने के बाद संगठन को बैन कर दिया है. केंद्र सरकार ने पीएफआई को पांच सालों के लिए बैन किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर अब प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी (Maulana Shahabuddin Razvi) भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सरकार के इस कदम को अच्छा बताया है.


रिजवी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सरकार ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है. भारत की सरजमीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरजमीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क की एकता-अखंडता को खतरा हो."



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डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया
वहीं इस एक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी. विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी. जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है, उसकी पूरे देश ने सराहना की है."



जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध का स्वागत करता हूं,राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका था पीएफआई,राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है यह फैसला."



केंद्र सरकार ने पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, एंपावर फाउंडेशन पर भी पाबंदी लगाई गई है. पीएफआई पर बीते कुछ दिनों से एनआईए और ईडी की कार्रवाई यूपी समेत कई राज्यों में लगातार जारी है. इस दौरान मंगलवार तक 237 गिरफ्तारी हो चुकी है.


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