मोहन भागवत के बयान का इस मौलाना ने किया स्वागत, कहा- 'मंदिर-मस्जिद के नाम पर खून खराबा नहीं'
Yasoob Abbas on Mohan Bhagwat Statement: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष यासूब अब्बास ने कहा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान बेहद सराहनीय है और मैं इसका तहे दिल से स्वागत करता हूं.
UP News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार (19 दिसंबर) को एक कार्यक्रम में बोलते हुए मंदिर-मस्जिद को लेकर एक बयान दिया. उनके इस बयान का विपक्ष भी स्वागत कर रहा है. इसी बीच अब आरएसएस प्रमुख के बयान पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने इस बयान का समर्थन किया है.
RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा- "मोहन भागवत के बयान का हम स्वागत करते हैं. हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढ़ना यह सेहतमंद मुल्क के लिए अच्छा नहीं है. मोहन भागवत एक संजीदा और अच्छे इंसान हैं उन्होंने इस नजाकत को समझा है क्यूंकि इस तरह के मुद्दे से मुल्क का माहौल खराब होता है. मंदिर-मस्जिद के नाम पर हमें खून खराबा नहीं करना चाहिए, मोहन भागवत के बयान पर सरकार को समर्थन करना चाहिए."
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष यासूब अब्बास ने कहा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान बेहद सराहनीय है और मैं इसका तहे दिल से स्वागत करता हूं. हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढना या हर मजार के नीचे "शिवलिंग" ढूंढना, मेरी राय में, बिल्कुल गलत है और देश के लिए स्वस्थ संकेतक नहीं है.
क्या बोले थे मोहन भागवत
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘‘हिंदुओं के नेता’’ बन सकते हैं. उन्होंने कहा,"हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है. राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं, यह स्वीकार्य नहीं है."
(पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)
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