लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र 7 मार्च तक चलेगा। 18 फरवरी को योगी सरकार सदन में 2020-21 के लिए बजट पेश करेगी। इस बजट सत्र से पहले  बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में सभी दलों के बीच सदन को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी।


बता दें कि इस साल का यह पहला सत्र है। सत्र के पहले दिन प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी। यूं तो भले ही सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सदन को सुचारू रूप से चलाने पर अपनी सहमति जताई हो, लेकिन सत्र के दौरान सरकार को सदन में कैसे घेरना है, इस पर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी रणनीति भी बनाई है।


सत्र से पहले बुधवार को समाजवादी पार्टी की विधानमंडल दल की बैठक भी हुई, जिसमें पार्टी के सभी विधायक और विधान परिषद के सदस्य पहुंचे। समाजवादी पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि यह सरकार भले ही इन्वेस्टमेंट की बात करती हो, लेकिन अभी तक यूपी में कोई भी निवेश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाली सरकार है। उनका साफ तौर पर कहना है कि समाजवादी पार्टी प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, हत्या, लूट, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान और बेरोजगारी जैसे मामलों को सदन में उठाएगी।


सबसे बड़ा बजट होगा इस बार
18 मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2020 -21 का बजट सरकार पेश करेगी। माना जा रहा है कि इस बार का बजट उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा। और इसका आकार 5 लाख करोड़ से ज्यादा का होगा। सरकार के पास सदन में गिनाने के लिए तमाम उपलब्धियां भले ही हों, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि जब से बीजेपी की सरकार बनी है, उसके बाद से ही महिला उत्पीड़न, बेरोजगारी, किसानों की आमदनी कम होना, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान यह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सरकार फेल साबित नजर आ रही है। वहीं उनका साफ तौर पर कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम केवल कागजों पर ही हुआ है।


वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी सत्र के दौरान सदन में सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। बहुजन समाज पार्टी के नेता विधानमंडल दल का कहना है कि यह सरकार अपने वादों में फेल साबित हुई है और केवल हवा हवाई घोषणा करती है। जमीन पर आज तक कोई भी एमओयू उतरा नहीं है। उनका साफ तौर पर कहना है कि सीएए का विरोध करने वालों पर जिस तरीके से गोली चलाई गई, वह लोकतंत्र के माथे पर कलंक है। उनका कहना है कि सदन के भीतर वह इस मुद्दे को उठाएंगे, लेकिन वेल में नहीं जाएंगे बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से सरकार को घेरने का काम करेंगे। साफ तौर पर बसपा का कहना है कि कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में बद से बदतर हो गई है जब से ये सरकार आई है।


केंद्र सरकार का लक्ष्य देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने का है तो वहीं यूपी की योगी सरकार भी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में जुटी है। ऐसे में इस बजट में क्या कुछ नए प्रावधान सरकार करती है और विपक्ष के हमलों का सदन में क्या जवाब देती है यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा।