Gorakhpur Flood: गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां, दहशत में गांव वाले, NDRF अलर्ट
Gorakhpur Flood: गोरखपुर में राप्ती नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई है. कई गांव इससे प्रभावित होने लगे हैं. वहीं प्रशासन का दावा है कि, हमारी तैयारी पूरी है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.
Gorakhpur Flood: घाघरा और रोहिन के बाद राप्ती नदी भी डेंजर लाइन के पार हो गई है. तटवर्ती इलाकों में बाढ़ से हाल-बेहाल है. तेजी से बढ़ते नदियों के जलस्तर में लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. 12 गांव जहां बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं, तो वहीं शहर के आसपास के तटवर्ती इलाके में भी बाढ़ जैसे हालात हैं. नदियों के किनारे बसे लोगों की झुग्गी झोपड़ी है, अभी पानी में डूब गई है. तो वहीं गोरखपुर के राजघाट पर भी राप्ती तबाही मचाने को आतुर दिख रही है.
खेतों में पानी घुसने से फसलें बर्बाद
गोरखपुर में घाघरा और रोहिन नदी पहले से ही खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. राप्ती नदी 16 अगस्त की शाम 4:00 बजे खतरे का निशान पार कर गई है. ऐसे में कैंपियरगंज और सहजनवां तहसील के 6-6 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. कोई सदर का एक गांव में बाढ़ की चपेट में है. हालांकि इन 12 गांव में बाढ़ का पानी तो नहीं घुसा है, लेकिन खेतों में पानी घुसने के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. वहीं संपर्क मार्ग भी पूरी तरह से डूब गया है. ग्रामीणों की मदद के लिए 7 छोटी-बड़ी नाव को लगाया गया है. एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट पर रखा गया है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
गोरखपुर में राप्ती नदी आज खतरे का निशान पार कर गई है. राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 मीटर से 0.04 आरएल मीटर ऊपर 75.020 आरएल मीटर पर बह रही है. राप्ती तेजी से बढ़त पर है. रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरा बिंदु 82.44 आरएल मीटर से 1.11 आरएल मीटर के अंतर 83.550 मीटर बह रही है. कुआनो मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 आरएल मीटर से 1.42 आरएल मीटर नीचे 77.230 मीटर पर बह रही है. घाघरा नदी अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु 92.73 मीटर से 0.07 आरएल मीटर अंतर 92.800 पर बह रही है. घाघरा नदी तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 मीटर से 0.02 आरएल मीटर के अंतर के साथ 64.210 पर बह रही है. गोर्रा नदी पिण्डारा में खतरा बिंदु 70.50 से 0.05 आरएल मीटर के अंतर 70.000 मीटर पर बह रही है.
डूब गई झुग्गी-झोपड़ी
राजघाट के रहने वाले नंदलाल और नज़रुल ने बताया कि, इधर 3 से 4 दिनों में पानी बहुत तेजी से बढ़ा है. राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. वे लोग राजघाट के किनारे ही झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं. पानी बढ़ने की वजह से उन लोगों का झुग्गी-झोपड़ी डूब गया है. उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बसंत और निखिल बताते हैं कि 3 से 4 दिनों में पानी बहुत तेजी से बढ़ा है. आसपास के एरिया में पानी भर गया है. राप्ती नदी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है.
कई गांव प्रभावित
गोरखपुर के जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि, कैम्पियरगंज के 6 गांव बरगदही, मछलीगांव, भौराबारी, चंदीपुर, बुढ़ेली, अलगटपुर रोहिन नदी से प्रभावित हैं. सहजनवां तहसील के 6 गांव चकचोहरा, विडार, बनौड़ा, भुवाशहीद, गहीरा, सुथनी आमी और राप्ती नदी से प्रभावित हैं. 7 छोटी-बड़ी नाव को राहत के लिए लगाया गया है. सहजनवां के प्रभावित गांव में 655 किट राशन किट का वितरण किया गया है. वहीं कैम्पियरगंज के लिए 500 राशन किट उपलब्ध कराए गए हैं. एनडीआरएफ एसटीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया हैं.
बाढ़ चौकियों को किया अलर्ट
इसके साथ ही सभी 84 बाढ़ चौकियों को भी चौकन्ना किया गया है. उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन और आपदा विभाग पूरी तरह से तैयार है. 24 घंटे निगरानी के लिए कोविड-19 के साथ ही बाढ़ हेल्पडेस्क के को भी एक्टिव कर दिया गया है. वर्तमान में कहीं भी खतरे की सूचना नहीं है. 12 प्रभावित गांवों में 7 छोटी-बड़ी नाव लगाई गई है. 12 गांव में संपर्क मार्ग और खेतों में पानी आने की वजह से नाव लगाई गई है. हालांकि अभी किसी भी गांव में पानी नहीं घुसा है.
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