Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में सभी 15 केसों की एकसाथ सुनवाई की अर्जी मंजूर, 17 जनवरी को HC में सुनवाई
Shri Krishan Janmbhoomi Case: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी 15 केसों को हाईकोर्ट ने कंसोलिडेटेड कर सुनवाई की अर्जी मंज़ूर कर ली है.
Shahi Idgah Masjid Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी 16 दीवानी मुकदमों सुनवाई एकसाथ करेगा. भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाख़िल दीवानी मुकदमा मुख्य वाद होगा. अन्य सभी मुकदमों को उसी में समाहित कर सुनवाई की जाएगी. शेष दो मुकदमों पर बाद में विचार किया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने गुरुवार को इन मामलों में विभिन्न अर्जियों पर सुनवाई के बाद दिया.
कोर्ट ने कहा कि समान प्रकृति के वादों का कंसोलिडेटेड किया जाना न्याय हित में जरूरी है. सभी मुकदमों को एकसाथ कर सुनवाई करने से न्यायालय के समय की बचत होगी, पक्षकारों के खर्च बचेंगे और फैसलों में भिन्नता नहीं होगी. कोर्ट कमिश्नर की रूपरेखा तय करने के मामले में सुनवाई 17 जनवरी को होगी.
मंदिर पक्ष ने दी थी अर्ज़ी
मंदिर पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु जैन ने अर्जी दाखिल कर सभी वादों को कंसोलिडेट कर सुनवाई करने की मांग की थी, इन्हीं की मथुरा में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी वादों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर सुनवाई की याचिका पर कोर्ट ने सभी वादों को मंगा लिया और सुनवाई की जा रही है. मांग की गई है कि कटरा केशव देव के नाम की 13.37 एकड़ जमीन से अवैध ढांचा हटाया जाए.
विष्णु जैन का कहना था कि मामला अतिआवश्यक है, जिसका शीघ्र निस्तारण न्यायहित में जरूरी है. सभी को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई से समय व खर्च की बचत होगी, विरोधाभासी फैसले भी नहीं आएंगे. मंदिर पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस में कहा कोर्ट को समान प्रकृति के मुकदमों को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई करने का सुओ मोटो पावर है. ऐसा करने के लिए पक्षकारों की सहमति जरूरी नहीं है. मस्जिद पक्ष के वकीलों ने भी इस मांग पर सहमति जताई.
मुस्लिम पक्ष ने भी किया समर्थन
वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस कर रहे सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने इसका विरोध किया, लेकिन उसी पक्ष के अधिवक्ता नसईरुज्जमा ने कंसोलिडेटेड करने पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि समान प्रकृति के केस हैं, इसलिए कंसोलिडेटेड कर सुनवाई की जानी चाहिए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है.
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मंदिर सहित अन्य दीवानी मुकदमों में वादी की ओर से हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय, प्रदीप शर्मा, शाही ईदगाह मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता वजाहत हुसैन व एमिकस क्यूरी मार्कंडेय राय सहित विभिन्न पक्षों के वकीलों ने पक्ष रखे. सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से दो आधारों पर सुनवाई स्थगित करने की प्रार्थना की गई कि सर्वे कमीशन के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लंबित है और उसके अगले 16 जनवरी को आने की संभावना है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के एडवोकेट पुनीत गुप्ता के पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह पहले ही स्थगन का प्रस्ताव दे चुके हैं, इसलिए मामले पर आज सुनवाई न की जाए.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे कमीशन की संरचना और तौर-तरीकों और के मुद्दे पर सर्वे टीम गठित करने के आदेश से कोई नुकसान नहीं होने वाला है. न्यायालय हाईकोर्ट के किसी रिटायर जज की अध्यक्षता में सर्वे टीम गठित करने का आदेश कर सकता है. सभी 18 दीवानी मुकदमों के पक्षकारों ने विभिन्न अर्जियां दाखिल कर अपने तर्क रखे. कुछ अर्जियों पर दूसरे पक्ष को आपत्ति दाखिल करने का समय दिया गया. कुछ अर्जियां पक्षकार बनाने की भी दाखिल की गईं.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति समिति की ओर से एक पक्षकार ने कहा कि पूरी जमीन कटरा केशव देव के नाम दर्ज है, जिसका सर्वे कमीशन का आदेश हुआ है. यह भी कहा गया कि शाही ईदगाह परिसर में तोड़फोड़ कर स्मृतियों को नष्ट किया जा रहा है. इसलिए वहां भी एडवोकेट कमिश्नर या अमीन से सर्वे कराया जाए. उसकी अर्जी पर आपत्ति दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर देने के बावजूद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आपत्ति दाखिल न कर सुनवाई में देरी कर रहा है और दूसरी ओर तोड़फोड़ करके साक्ष्य समाप्त किए जा रहे हैं. प्रतीक चिह्नो को मिटाया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि सर्वे का आदेश देने से पूर्व सभी पक्षों को सुना जाएगा इसलिए सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख लगा दी.