Mukhtar Ansari Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट से पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को राहत मिली है. मुख्तार अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट में सजा के खिलास अपील लगाई थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर ली है. कोर्ट ने विशेष अदालत एम पी, एम एल ए  गाजीपुर की पत्रावली 10 हफ्ते में पेश करने का निर्देश दिया है. पत्रावली पेश होने के बाद जमानत अर्जी की सुनवाई के लिए अपील 8 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया है.


गैंगस्टर मामले में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की अपील पर कोर्ट ने राज्य सरकार को भी तब तक लिखित आपत्ति दाखिल करने का समय दिया है. अपील पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की. मुख्तार अंसारी पर गैंग लीडर होने और आपराधिक गैंग आपरेट कर भय व आतंक फैलाने का आरोप है. गाजीपुर के करंडा थानाध्यक्ष ने 2 जून 10 को एफआईआर दर्ज कराई थी. 


जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई
गैंग चार्ट के हवाले से  कहा गया कि भय से लोग केस नहीं दर्ज कराते और गवाही देने से डरते हैं. विशेष अदालत ने मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की कैद व पांच लाख का जुर्माना लगाया है. जबकि सोनू यादव को पांच वर्ष की कैद व दो लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है जिसको मुख्तार अंसारी ने अपील में चुनौती दी है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई.


इधर, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को आचार संहिता उल्लंघन मामले में राहत प्रदान की है. जस्टस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पी के मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने संबंधी उमर अंसारी की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. दरअसल मार्च 2022 को मऊ जिले उमर अंसारी सहित 150 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. जिसमें आरोप था कि तीन मार्च 2022 को पहाड़ पुर में अयोजित जनसभा के दौरान उमर अंसारी ने प्रशासन से हिसाब किताब बराबर करने की बात कही की थी. यह मामला चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का है.


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