UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां हाईकोर्ट ने प्रयागराज (Prayagraj) के वकीलों के खिलाफ दर्ज तकरीबन 50 मुकदमों की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी दी है. वकीलों के खिलाफ रेप और एससी-एसटी (SC-ST Act) की गंभीर धाराओं के तहत ये केस दर्ज कराए गए हैं. आरोप है कि वकीलों पर केस की पैरवी ना करने और धन उगाही के लिए दबाव बनाने की वजह से फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं.


बताया जा रहा है कि एक संगठित गिरोह वकीलों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर उनका उत्पीड़न कर रहा है. कोर्ट के सामने इस तरह के कुल 51 एफआईआर की सूची पेश की गई है. इनमें से 36 मुकदमें अकेले मऊआइमा थाने में दर्ज हैं. वकील किसी मुकदमे में पीड़ित पक्ष की तरफ से ठीक से पैरवी ना करें और केस दर्ज होने के बाद समझौते के नाम पर पैसे खर्च करें, इस वजह से फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाने का आरोप है.  


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कोर्ट ने दिया ये आदेश
एक वकील के खिलाफ दर्ज रेप और एससी-एसटी के मुकदमे में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सीबीआई को दो महीने में प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया हैं. सीबीआई को दो महीने बाद होने वाली अगली सुनवाई में प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करने को कहा गया है. सीबीआई की प्रारंभिक जांच आने तक पुलिस को आरोपी वकील के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की भी हिदायत दी है.


जस्टिस गौतम चौधरी की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. आरोपी वकीलों के खिलाफ प्रयागराज के मऊआइमा थाने में गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं. शिकायतकर्ता महिला ने केस की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान गिरोह के सक्रिय होने की बात सामने आई है. माना जा रहा है कि सीबीआई जांच होने पर  बड़ा खुलासा हो सकता है.


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