UP News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) पीठ ने रायबरेली (Raebareli)-प्रयागराज (Prayagraj) मार्ग को चार लेन बनाने का काम अत्यधिक धीमी गति से होने पर कड़ी नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHRI) से सवाल किया कि इसका काम आखिर कब तक पूरा होगा.
अदालत ने कहा कि इस मार्ग का चौड़ीकरण करके इसे फोरलेन बनाने का निर्णय आठ साल पहले लिया गया था. अदालत ने एनएचएआई से पूछा है कि इस चार लेन मार्ग का काम आखिर कब तक पूरा होगा. पीठ ने कहा कि इस जल्द से जल्द पूरा किया जाये. पीठ ने एनएचएआई को हलफनामा दाखिल करके 12 जुलाई को यह बताने को कहा कि तीन मई 2023 के बाद मार्ग के चौड़ीकरण के लिए कितना काम हुआ है.
NHRI ने दाखिल किया हलफनामा
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला की पीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर 2013 में दर्ज की गयी, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश के अनुपालन में एनएचएआई की ओर से एक हलफनामा दाखिल किया गया. उसे देखकर पीठ ने कहा कि रायबरेली-प्रयागराज सड़क को चार लेन बनाने का निर्णय 16 अक्टूबर 2015 को लिया गया था किन्तु अभी तक इसका पूरा न होना अफसोसजनक है.
दरअसल, रायबरेली से प्रयागराज जाने वाली सड़क का विकास कार्य दो चरणों में होने वाला है. पहले चरण के अंतर्गत सड़क का निर्माण जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार, आलापुर में हो रहा है, जहां ग्रीन फील्ड बाईपास बनाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो इस निर्माण कार्य नवंबर 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं दूसरे चरण के अंतर्गत करीब 8.5 किमी का निर्माण किया जाना है.
एनएचएआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले 70 किमी यानी लखनऊ से रायबरेली और 106 किमी यानी रायबरेली से प्रयागराज तक निर्माण होगा. अब इस मामले को लेकर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है.