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Prayagraj News: पति के कोमा में होने पर पत्नी बेच सकेगी संपत्ति, हाई कोर्ट ने बनाया संरक्षक, जानें फैसले की बड़ी बातें
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानून के अभाव में याचिकाकर्ता की वर्तमान स्थिति से पैदा हुई परेशानियों को गौर से सुना. सुनवाई के बाद ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया.
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UP News: कोमा में पड़े पति का इलाज कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक पहल की. हाई कोर्ट ने पत्नी को संरक्षक नियुक्त कर इलाज पर खर्च करने के लिए पति की संपत्ति बेचने का अधिकार दे दिया. न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि दुर्घटना की वजह से कोमा में पड़े पति का इलाज कराने के लिए पत्नी संरक्षक होगी. पति के बैंक खातों का संचालन पत्नी कर सकेगी और संपत्तियों को भी बेच सकेगी. कानून के अभाव में याचिकाकर्ता के पक्ष को वर्तमान स्थिति से पैदा हुई परेशानियों पर विचार करने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया.
पति के कोमा में होने पर पत्नी होगी संरक्षक
न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने पूजा शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया. पत्नी को संरक्षक नियुक्त कर खंडपीठ ने इलाज के लिए गाइडलाइन्स तय कर दी. हाई कोर्ट ने कहा कि दादरी तहसील स्थित इलाभान गांव की याचिकाकर्ता के पति की खरीदी जमीन को ज्यादा से ज्यादा कीमत पर बेचा जाए. जमीन बिक्री से मिली राशि को महानिबंधक के जरिए बैंक में फिक्स डिपॉटिज की जाए.
इलाहाबाद हाई कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश
फिक्स डिपॉजिट करते वक्त बैंक के ब्याज दर को भी मद्देनजर रखा जाए. पत्नी के बैंक खाते में राशि होने से बच्चों की देखभाल और पति का इलाज कराने में सुविधा होगी. हाई कोर्ट ने पति की संपत्ति बिक्री से पैदा होने वाले विवाद को भी ध्यान में रखा. रिश्तेदार को अधिकार होगा कि मरीज के इलाज पर राशि खर्च नहीं होने की सूरत में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाए. याचिकाकर्ता पत्नी के संरक्षक बनाए जाने को चुनौती दे सकता है. रिश्तेदार को बताना होगा कि मरीज के इलाज पर राशि खर्च नहीं की जा रही है. ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता पत्नी के खिलाफ हाई कोर्ट से गुहार लगा सकता है.
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