प्रयागराज. कोरोना की महामारी और लॉकडाउन की बंदिशों में यूपी में भी घरेलू हिंसा के मामले बढ़ने की ख़बरें सामने आई हैं. इसी के मद्देनज़र इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब तलब कर लिया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यूपी सरकार से पूछा है कि कोरोना की महामारी के दौरान घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की शिकायतों को सुनकर उनके निपटारे के लिए क्या इंतजाम किये गए हैं.


अदालत ने सरकार से सूबे में इस तरह के मामलों में कार्रवाई के लिए नोडल अफसर नामित किये जाने के बारे में भी जानकारी देने को कहा है. अदालत ने सुनवाई के दौरान यूपी के एडिशनल एडवोकेट जनरल से स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है. इस स्टेटस रिपोर्ट में कोरोना काल में आई शिकायतों पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा देना होगा. अदालत इस मामले में अब जुलाई महीने के आख़िरी हफ्ते में सुनवाई करेगी.


बरेली की निदा खान ने दी थी PIL


जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने यह आदेश बरेली की आला हज़रत हेल्पिंग सोसाइटी की पीआईएल पर सुनवाई के बाद दिया है. सोसायटी की अध्यक्ष आला हज़रत परिवार की बहू रहीं निदा खान हैं. उनकी अर्जी में कहा गया था कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन किये जाने के दौरान बरेली समेत समूचे यूपी में भी घरेलू हिंसा के मामले बढे हैं.


निदा खान की तरफ से यह भी कहा गया कि मामले भले ही बढ़ गए हों, लेकिन सरकारी अमले के कोरोना में व्यस्त होने की वजह से शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है. शराब की दुकानें खुलने के बाद मामले और बढ़ने के भी आरोप लगे हैं. पीआईएल में कोरोना काल में हुए घरेलू हिंसा के मामलों की शिकायतें सुनने और उनके निस्तारण के लिए नोडल अफसर नियुक्त किये जाने की मांग की गई है. कहा गया कि नोडल अफसर होने से शिकायतों पर कार्रवाई होगी और जरूरी कदम उठाए जाने पर इस तरह के मामलों को रोका जा सकेगा. निदा खान की तरफ से उनके वकील प्रदीप कुमार शर्मा ने अदालत में पक्ष रखा.


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